आर्थिक तंगी को झेलते हुए पिता ने किसी तरह से बेटी से नर्सिंग का कोर्स करवाया. आज जब बेटी सेना में लेफ्टिनेंट बनीं तो पिता के आंखों से आंसू निकल आए. दरअसल, रुद्रप्रयाग जिले के केदारघाटी के एक छोटे से गांव देवर से निकलकर राखी चौहान सैन्य अधिकारी बनीं हैं