सौरव गांगुली, जिन्हें भारतीय क्रिकेट में "दादा" के नाम से जाना जाता है, ने न केवल भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा दी बल्कि अपनी धार्मिक और पारिवारिक परंपराओं को भी हमेशा सम्मान दिया है। गांगुली का परिवार गहरे धार्मिक विश्वासों वाला है और सनातनी हिंदू परंपराओं में रचा-बसा है। 🌸🙏
सौरव गांगुली का जन्म एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था, और उनका पालन-पोषण धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों के साथ हुआ। उनके परिवार में पूजा-पाठ और धार्मिक त्योहारों का विशेष महत्व है। गांगुली का परिवार कोलकाता में 'दुर्गा पूजा' का भव्य आयोजन करता है, जो उनके धार्मिक विश्वासों और संस्कृति से गहरे जुड़े होने का प्रमाण है। यह पूजा उनके परिवार की परंपरा है, और सौरव खुद इस पूजा का हिस्सा बनते हैं, जो दर्शाता है कि भले ही वे एक बड़े खिलाड़ी और प्रशासक हों, पर अपनी जड़ों और धार्मिक परंपराओं से हमेशा जुड़े रहते हैं। 🎉🏏
उनकी पत्नी डोना गांगुली भी एक कुशल ओडिसी नृत्यांगना हैं, जो भारतीय शास्त्रीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देती हैं। डोना और सौरव की बेटी सना गांगुली भी इन पारंपरिक और धार्मिक मूल्यों को मानती हैं, और परिवार के धार्मिक आयोजनों में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं। ✨👨👩👧
अगर बात लाइक्स की करें, तो सौरव गांगुली की धार्मिक और पारंपरिक पारिवारिक जीवनशैली को उतना ही प्यार और समर्थन मिलेगा, जितना विराट कोहली की फैमिली को मिलता है। गांगुली के प्रशंसक उन्हें और उनके परिवार को बहुत सम्मान और प्रेम से देखते हैं, खासकर उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए।