तुम घर आयी
अपने जूते उतारे और कुर्सी पर बैठ
एक गहरी सांस लेते हुए कहा-
"आज बहुत काम था दफ़्तर में, थक गई ।"
मैं,अंदर जाकर दो कप चाय बना लाया
हमने धीरे-धीरे फिर
एक-दूजे की थकान को पिया
आदमी में इतनी औरत
और औरत में इतना आदमी
बचा रहना चाहिए ।
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