मैसूर में 10 दिनों तक दशहरे की धूम रहती है।
माना जाता है कि चामुंडेश्वरी देवी ने 10 दिनों की लड़ाई के बाद राक्षस महिषासुर का वध किया था।
उत्सव के लिए मैसूर महल को 90 हजार से अधिक और चामुंडी पहाड़ियों को 1.5 लाख से अधिक बल्बों से सजाया जाता है।
सजे-धजे हाथियों का जुलूस निकलता है। मैसूर के राजा भी आयोजन में शामिल होते हैं।