पप्पू यादव की बहन की बहन को छेड़ दिया था इस कुख्यात गैंगस्टर ने :-
साल था 1998। बिहार में उस वक्त के कद्दावर नेता और मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी मंत्री बृज बिहारी प्रसाद के हत्या की सुपारी निकली। यह सुपारी श्रीप्रकाश शुक्ला ने उठाई। बृज बिहारी प्रसाद पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती थे। उनकी हत्या के लिए यूपी का कुख्यात डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला उस अस्पताल में फर्जी एडमिट हुआ। बताया जाता है कि मोकामा के किसी डॉक्टर की मदद से सूरजभान सिंह ने श्रीप्रकाश शुक्ला को फर्जी तरीके से उसी अस्पताल में एडमिट कराया था।
श्रीप्रकाश शुक्ला अस्पताल में रहकर रोजाना बृज बिहारी प्रसाद की दिनचर्या की रेकी कर रहा था। इसी दौरान बिहार के बाहुबली डॉन पप्पू यादव की सगी डॉक्टर बहन वहां इंटर्नशिप कर रही थी। पप्पू यादव की डॉक्टर बहन रोजाना मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की बीपी, शूगर एवं अन्य रूटीन चेकअप चार्ट मेंटेन करने आती थी।
इसी दौरान श्रीप्रकाश शुक्ला की नजर जब पप्पू यादव की बहन पर गई तो उसने उसकी बांह पकड़ ली। इसपर पप्पू यादव की बहन ने कहा कि "तुम जानते हो तुमने किसका हाथ पकड़ा है वो कौन है ? मेरे भाई तक जब यह बात पहुंचेगी तब तुम्हारा क्या अंजाम होगा ये कोई नहीं जानता है।"
इसपर श्रीप्रकाश शुक्ला ने भी ताव में कहा- 'अपने भाई को बता देना और कल उसे अपने साथ लेकर आना, तब मैं बताऊंगा कि मैं कौन हूं।' इस दौरान श्रीप्रकाश शुक्ला ने पप्पू यादव की बहन से अपना नाम अशोक बताया।
यहां बता दें कि सूरजभान सिंह ने श्रीप्रकाश शुक्ला को अपराध जगत में अशोक सिंह नाम दिया था, ताकि उसकी पहचान जाहिर ना हो। इसलिए बिहार में ज्यादातर लोग उसे अशोक सिंह के नाम से ही जानते थे।
जब यह बात पप्पू यादव तक पहुंची तो वह तिलमिला गया। पप्पू यादव पता लगाने में जुट गया कि जिस व्यक्ति ने उसकी बहन का हाथ पकड़ा वो कौन था ? इसी बीच घटने के अगले ही दिन 13 जून 1998 को इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के कैंपस में ही AK47 से मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या कर दी गई। पप्पू यादव को जब पता चला कि जिसने उनकी बहन का हाथ पकड़ा है, उसी ने मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या की है , तो वो दहल गया । जी हां सही पहचाना वो श्रीप्रकाश शुक्ला ही था ।
असल में यूपी का सबसे खतरनाक व बेरहम गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला, 90 के दशक का वह अपराधी था जो उसके खौफ और काम के बीच आने वाले किसी भी शख्स को मार डालने में जरा भी देरी नहीं करता था। पुलिस के लिए चुनौती बने इस गैंगस्टर ने 25 साल की उम्र में ही बड़े-बड़े उद्योगपतियों, अपराधियों व पुलिस वालों के अंदर दहशत का माहौल पैदा कर दिया था। उसके कारनामों से अखबारों के पन्ने रोज भरे रहते थे। व्यापारियों से उगाही, हत्या, अपहरण और डकैती ही उसका पेशा था। उसके नाम से बड़े बड़े गैंगस्टर अंडरग्राउंड हो जाते थे
श्रीप्रकाश शुक्ला का नाम आने के बाद पप्पू यादव भारी टेंशन में आ गए । उन्हें अपनी बहन व परिवार की चिंता सताने लगी । उन्होंने पूरे परिवार को अज्ञात जगह छुपा दिया । पप्पू यादव, श्रीप्रकाश शुक्ला की अपनी बहन के प्रति आसक्ति से बेहद तनाव में आ गए थे । क्योंकि पप्पू जानते थे की शुक्ला मेंटल किस्म का हवसखोर अपराधी है । तभी उन्हें बिहार पुलिस के अफसरों से पता चला कि यूपीएसटीएफ की टीम श्रीप्रकाश शुक्ला उर्फ अशोक को तलाशते हुए पटना पहुंची है। तभी पप्पू यादव यूपीएसटीएफ की टीम से मिले और जमीन पर बैठ गए। उस दौर में इतने चर्चित बाहुबली पप्पू यादव यूपीएसटीएफ की टीम के सामने आग्रह अनुरोध की मुद्रा में आ गए। वह हाथ जोड़कर कहते दिखे थे कि कैसे भी करके श्रीप्रकाश शुक्ला का काम तमाम किया जाए क्योंकि उससे सभी भयाक्रांत है ।
श्रीप्रकाश शुक्ला की खूबी यह रही कि वह अपने गैंग में एक समय में 3 लोगों से ज्यादा सदस्य नहीं रखता था। इस वजह से पुलिस को उसतक पहुंचने में काफी परेशानी हो रही थी। हालांकि 23 सितंबर 1998 बीजेपी के मौजूदा सांसद साक्षी महाराज की हत्या करने के इरादे से दिल्ली पहुंचे श्रीप्रकाश शुक्ला को यूपीएसटीएफ ने इंदिरापुरम इलाके में एनकांउटर में मार गिराया था।
आज सुना कि पप्पू यादव ने किसी को धमकी दी है कि सरकार इजाज़त दे दो एक दिन में समाप्त कर देगा तो यह किस्सा याद हो आया ।