सोनी सलीम से बेइंतिहा मोहोब्बत करती थी
सलीम का खून (बच्चा) 7 माह से सोनी के पेट में था
सलीम की अम्मी की बीमारी में सोनी ने खून भी दिया था
सलीम का कर्ज उतारने को सोनी ने अपनी अंगूठी भी बेची थी
लेकिन सोनी को सलीम ने इसके बदले मौत दी
क्यूंकि सलीम के लिए सोनी काफ़िर थी
सोनी हो या अंकिता... नेहा हो या सपना
अगर सलीम से रिश्ता रखो जो जिश्म की भूख का रखना, अगर मोहोब्बत की तो तुम्हें मौत ही तोहफ़े में मिलेगी..
उस दिन सोनी तो बस सलीम को ये बताने गयीं थी कि वो अब इस बच्चे को जन्म देगी, लेकिन सलीम नहीं चाहता था कि बच्चे की वजह से वो कुछ महीने सोनी से संबंध न बना सके इसलिए उसने सोनी से बच्चा गिराने को कहा
सोनी नहीं मानी तो सलीम ने वहीँ सोनी का गला घोंट दिया, और जिस बोरे में वो सड़े हुए जानवरों का मांस लाता था उसी बोरे में सोनी की लाश को भरकर, जंगल में 3 फ़ीट के गड्ढे में गाढ़ आया...
सलीम का कहना है कि सोनी को मारने से उसे कोई पाप नहीं लगेगा क्यूंकि सोनी काफ़िर थी
और काफ़िर को मारने से उसे जन्नत नसीब होगी..