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उत्तराखंड की पहली महिला रेलवे असिस्टेंट लोको पायलट अंजलि शाह ने इतिहास रच दिया है। पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल की रहने वाली अंजलि ने बचपन में ही यह सपना देख लिया था कि वह एक दिन ट्रेन चालक बनेंगी। 2019 में अंजलि ने 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग पूरी करने के बाद हरिद्वार-ऋषिकेश रूट पर बतौर असिस्टेंट लोको पायलट अपनी सेवाएं शुरू कीं।
अंजलि की यह उपलब्धि यह दिखाती है कि पहाड़ों की शिक्षा व्यवस्था को लेकर बनाई गई नकारात्मक धारणा गलत है। अंजलि ने अपनी पढ़ाई पहाड़ में ही की और आज वह लोको पायलट बनने का सपना पूरा कर रही हैं। कई पहाड़ी युवाओं ने भी सेना में उच्च पदों पर पहुँचकर देशभर में अपनी सेवाएं दी हैं। फिर भी शिक्षा के नाम पर पलायन का सिलसिला जारी है। अंजलि शाह की यह कहानी पहाड़ के युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो उन्हें अपने सपनों की ओर बढ़ने का हौसला देती है।

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