औरत आदमी से क्या चाहती है?
पाँँच बरस पहले की कहानी है।
हमारे घर के सामने एक लोहार
अपनी बीवी के साथ रहने आया था।
मतलब उसने एक झोपडी जैसा तंबू
खडा किया था।
कुछ दिन बाद मैंने देखा कि उस तंबू के
सामने कुछ लड़के वहाँँ खड़े रहते थे।
हर रोज वो वहाँँ आके खड़े रहने लगे।
मैंने उनका निरीक्षण किया तो मैंने
देखा कि वो लड़के बहुत अमीर थे।
उनके गले में सोने के गहने,
हाथ में सोने की अंगूठियां थीं।
उनके पास गाड़ियां थींं।
मै सोचने लगा कि,
ये लोग हर रोज वहाँँ
आके क्यूँँ खड़े रहते हैं?
एक दिन मैंने उस लोहार
की बीवी को देखा।
लोहार की बीवी,
बहुत ही सुंदर थी।
अवर्णनीय!
अब मुझे समझ में आया कि
ये लड़के वहाँँ हर रोज क्यूँँ खड़े
रहते हैं।
मैं अब हर रोज
निरीक्षण करने लगा।
मैंने देखा कि लोहार की बीवी इन
लड़कों की तरफ देखती भी नहीं थी।
वो और उसका पति,दोनों लोहे
कि वस्तुओ को तैयार करते थे।
पास में ही उसका
छोटासा बच्चा था।
लोहार की बीवी काम करते
करते अपने बच्चे की तरफ
देखकर हंसती थी।
कभी कभी अपने पति के
साथ हंसी मज़ाक करती थी।
लेकिन वो उन लडकों को कोई भी
रिस्पाॅन्स या सिग्नल नहीं देती थी।
उनकी तरफ वो देखती भी नहीं थी।
वो अपने पति के साथ बहुत
खुश और समाधानी थी।
मै सोच रहा था कि उस लोहार
की बीवी को अपने पति से ऐसा
क्या मिल रहा था कि वो अपने
पति के साथ इतनी खुश और
समाधानी थी।
उसका पति उसको रहने के लिए
अच्छा सा घर नहीं दे सकता।
पहनने के लिए सोने
के गहने नहीं दे सकता।
वो उसे फिल्म देखने के लिए
टाॅकीज में या खाने के लिए
होटल मे लेकर नहीं जा सकता।
घूमने के लिए उसे लेकर जाने
के लिए उसके पास कोई गाड़ी
भी नहीं है।
वो उसे अच्छे से कपड़ नहीं दे
सकता।
फिर भी उसकी बीवी उसके साथ
कितनी खुश और समाधानी होकर
रहती है।
मैने ऐसी कई स्त्रियाँँ देखी हैं,
जो हररोज अपने पति को
कुछ न कुछ माँँगती रहती हैंं।
अगर पति ने नहीं दिया तो फिर
उसके साथ झगड़ा करती हैंं।
किसी पहचान वाली महिला ने
कुछ घर मे लाया तो ये भी अपने
पती को लाने को बोलती है।
अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की,
तो समाज के सामने अपने पति
को बेइज्जत करती हैंं।
लेकिन ये लोहार की बीवी इतनी
सुंदर होते हुये भी,इस गरीब लोहार
के साथ खुश है।
अगर वो चाहती तो,
किसी भी पुरुष की तरफ देखकर
हंसती और उसके साथ बातेंं करती
तो भी वो पुरुष उसके लिये इतना
पागल हो जाता कि उसको घर,गाडी,
सोने के गहने,घूमना,होटल मे जाना,
फिल्म देखना ये सब कुछ करता।
एक बात तो सही थी कि ये लोहार
की बीवी उन अमीर लडकों के सोने
के गहने,गाड़ियों इनसे आकर्षित
होकर उनको रिस्पाॅन्स नहीं देती थी।
एक दिन मुझको एक लोहे
की बडी छुरी बनवानी थी।
इसलिए मैंं उस लोहार के
पास गया।
लोहार की बीवी को मैने पूछा कि
दीदी मुझे ऐसी बड़ी छुरी बनवानी है।
कितने पैसे होंगे?
उसने कहा कि,
एक डेढ़ घंटा लगेगा दादा,
आप बैठ जाइए।
मैं उस लोहार और उसकी
बीबी के साथ बाते करने लगा।
मैने उनको पूछा कि,
ये लड़के हर रोज इधर
क्यूं खड़े रहते हैं?
लोहार की बीवी बोली,
दादा जैसे आप हररोज आपके
घर से हमें देखते हैं,वैसे ही ये
लड़के भी हमे देखते हैं।
मैंंने हड़बड़ाकर उसकी तरफ देखा।
तो वो बोली कि आपने मुझे दीदी
बोला,आपकी नजर अलग है और
उन लड़कों की नजर अलग है।
उसका पति बोला,
हम जहां जाते है,
वहां ऐसे ही होता है।
लेकिन मैं ऐसे लोगों की
तरफ देखता भी नहीं।