सड़क किनारे पहाड़ी सब्जी बेच रहे नितेश सिंह बिष्ट जी स्वरोजगार कर उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में सीधा-सीधा योगदान कर रहे हैं, अगर कोई व्यक्ति घर में रहकर इस तरह का स्वरोजगार करते हुए महीने के दस पंद्रह हजार कमा ले और खाने के लिए अनाज अपने खेत में ही उगा ले, दूध, दही, घी के लिए एक गौमाता पाल ले तो कितना बढ़िया हो। हालाकी नितेश जी जैसी सोच कम ही लोगों की होती है लेकिन जिस भी युवा की सोच स्वरोजगार की होती है वो एक दिन जरूर आसमान की ऊंचाइयों को छूते हैं क्योंकि व्यापार में आपार संभावनाएं हैं।