उत्तराखंड मे गढ़वाली गीतों की पहचान आदरणीय नरेंद्र सिंह नेगी जी पुनः दादा जी बन गये है, इस से पहले उनकी एक पोती है, गजब देखिये पोती का नाम बाड़ूली है, जो एक गढ़वाली शब्द है, और अब पोते का नाम रखा है उदंकार 🥰, नरेन्द्र सिंह नेगी जी का परिवार सिर्फ गीतों मे ही नहीं रियल लाइफ मे भी अपनी संस्कृति के प्रति सचेत है, नेगी जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन पौड़ी मे ही गुजारा, उनकी तबियत जब अचानक बिगड़ी तो उसके बाद उन्हें मजबूरन देहरादून शिफ्ट होना पड़ा, जय हो नेगी जी की 🥰