तेलंगाना के दर्जी के. रामचंद्रन और उनकी पत्नी शारदा ने अपनी चार बेटियों को डॉक्टर बनाने का सपना देखा, भले ही इसके लिए घर गिरवी रखना पड़ा।
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दंगल फिल्म से प्रेरित होकर उन्होंने बेटियों को समाज सेवा की राह दिखाई। मामूली आमदनी के बावजूद, उन्होंने पढ़ाई में हर संभव मदद दी।
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आज उनकी सबसे बड़ी बेटी एमबीबीएस कर चुकी है, जबकि बाकी तीन बेटियां मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। रामचंद्रन कहते हैं, "मैंने भले ही कम पढ़ाई की हो, पर बेटियों को आत्मनिर्भर और सम्मानित डॉक्टर बनते देखना ही मेरा सपना है।"