शारदा जी आप हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन यकीन मानिये पटना में जब आज आप पंचतत्व में विलीन हो रही होंगी तो ठीक उसी समय वो तमाम छठ व्रती जो देश और दुनिया के किसी भी कोने में होंगे वो आपके गाये हुए छठ गीत को सुनकर आपको अंतिम विदाई दे रहे होंगे.
छठ माता की असीम कृपा थी आपपर, आपके छठ गीत ने छठ की महिमा को कोने-कोने तक पहुँचा दिया और ये संयोग देखिये कि जब छठ का त्योहार शुरु हुआ तो आप ईश्वर के पास चली गईं.