78 वर्षीय कमल चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में 28 सालों की कड़ी मेहनत से 'भालो पहाड़' नामक एक जंगल तैयार किया है। 50 एकड़ भूमि पर फैले इस जंगल में उन्होंने 30 लाख से अधिक पेड़ लगाए हैं, जो पर्यावरण संरक्षण का शानदार उदाहरण है। इसके अलावा, कमल दादा स्थानीय आदिवासियों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं भी मुहैया करवा रहे हैं। वह एक प्रसिद्ध बंगाली लेखक और इंजीनियर हैं, जिन्होंने अपने लेखन के साथ-साथ समाजसेवा में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है।
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