यह है रफीक हुसैन भटूक।
ये गोधरा में नेता था और इसके दो पेट्रोल पंप थे और इसी ने साबरमती ट्रेन को जलाने के लिए पेट्रोल की व्यवस्था की थी।
यह 14 साल तक फरार रहा। गुजरात आईबी की नजर इसके रिश्तेदारों और उसके परिवार वालों पर भी सबके फोन सर्विलांस पर थे और 1 दिन इसने अपने बेटे को फोन किया क्योंकि इसका पोता हुआ था। सर्विलांस में इसका लोकेशन दिल्ली आया।
फिर इसने अपने बेटे से कहा कि मैं फलाने तारीख को चुपके से गोधरा आ रहा हूं मुझे अपने पोते का मुंह देखना है। फिर पुलिस ने सोचा दिल्ली में गिरफ्तार करने से अच्छा है कि इसे गोधरा ही आने दो, और यह गोधरा आया। स्टेशन पर सादे कपड़े में पुलिस तैनात थी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
इसका पूरा कुकर्म अदालत में साबित हो गया और इसे आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई। याद करिए जब लालू यादव कहते थे कि गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग तो यूं ही लग गई थी किसी ने आग नहीं लगाई... सब कुबूल करके पुलिस को इस ने बताया कि यह 14 साल तक पुरानी दिल्ली के लाजपत राय मार्केट में रहता था!
सोचिए कितना बड़ा इको सिस्टम है इन मजहबी आतंकवादियों का, क्या कोई पत्रकार ने ये न्यूज कभी दिखाया?