ऐसी कुकृत्य पर कट्टरपंथी देश मौन हैं क्यों?
क्या ये बच्चियों का कोई जीवन नहीं है, और सोचने वाली बात है, कि कोई मुस्लिम इसका विरोध करते नजर नहीं आ रहा केवल इसलिए क्योंकि ये अपने धर्म और अपनो के लिए कट्टर है किस इस तरह के गलत चीजों के खिलाफ भी आवाज नहीं उठाते।
ये कट्टरपंथी बच्चियों को केवल हवस और संभोग के नजर से देखते है जो कि निंदनीय है