जवाहरलाल नेहरू अपने परिवार के बच्चों से काफ़ी प्यार करते थे। उन्होंने अपनी पुत्री को राजनीति में जिस तरह आगे बढ़ाया, वह एक मॉडल है। फिर उनकी बेटी ने अपने बेटे को सत्ता में आगे बढ़ाया। उनके दूसरे बेटे से बहू और फिर बहू से बेटे और अब बेटी तक ये परंपरा जारी है।

इसके बाद की पीढ़ी ने भी इस उपचुनाव में प्रचार कर लिया। ये नेहरू परिवार की लगातार छठी पीढ़ी है। सिर झुकाकर सलाम करो कांग्रेसियों। नए बॉस आ गए हैं।

ये अब हमारी राष्ट्रीय परंपरा या समस्या बन गई। यह अब सर्वत्र है। सर्वव्यापी है। कम अपवाद बचे हैं। वे बहुत दमदार लोग हैं जो नेहरू जैसा पिता न होने के बावजूद राजनीति में आगे बढ़ते हैं।

आदरणीय नेहरू जी की याद में हम बाल दिवस मनाते हैं क्योंकि वे अपने बच्चों को प्यार करते थे। 🙏🏽

नेहरू जी का मैं सम्मान करता हूँ और मैं उस स्तर पर नीचे नहीं उतरना चाहूँगा जितना नीचे गिरकर कांग्रेस नरेंद्र मोदी पर निजी हमला करती है।

कांग्रेस ने मोदी को कभी प्रधानमंत्री वाला सम्मान नहीं दिया।

मोदी जी साधारण परिवार के हैं। गुजराती स्कूल में पढ़ने की ही हैसियत थी।

मोदी को कांग्रेस द्वारा नीच बोलने की वजह उनका ओबीसी होना और इलीट जैसी इंग्लिश न बोल पाना ही है।

वरना वंशवाद शुरू करने के लिए तो किसी ने नेहरू को नीच नहीं कहा। कश्मीर या चीन नीति और ग़लतियों के बावजूद किसी ने नेहरू को नीच नहीं कहा। वे आरक्षण के खिलाफ मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखते थे, पर किसी ने उनको नीच नहीं कहा। उनके कारण बाबा साहब को कैबिनेट से इस्तीफ़ा देना पड़ा पर हम लोग उन्हें नीच नहीं कहते। उनकी समाजवादी सुस्त आर्थिक नीति और दोषपूर्ण शिक्षा नीति के कारण देश गरीब रह गया पर इस वजह से कोई उनको नीच नहीं कहता।

कहना भी नहीं चाहिए। पर हम ये कैसे भूल जाएँ कि मोदी को नीच कहा गया।

नेहरू को लेकर तमाम बातें की जा सकती हैं। पर मैं करूँगा नहीं। मैं प्रधानमंत्री पद का सम्मान करता हूँ। नेहरू हम सबके लिए सम्माननीय हैं। सादर नमन। 🙏🏽

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