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विज्ञान की परिभाषा :- Modernization is Science ? Or True Knowledge is science ? सत्य ज्ञान ही विज्ञान हे हमारे सनातन धर्म शास्त्र ही सत्य विज्ञान हे । खेद :- जब से हिंदुओ ने असत्य को विज्ञान , सेक्युलरिज़म को धर्म और अपने सत्य सनातन विज्ञान की उपेक्षा की हे तब से ही अपने को विभाजित और कमज़ोर किया हे। हिंदू सोया नहीं भटका हुआ हे जब जब हिंदू बँटा हे तब तब हिंदू घटा हे और तब तब ही हिंदू कटा हे मदरसों ने क़ुरान पढ़ा कर जिहादी बना दिए और हम वेदों पुराणो की वैज्ञानिकता पर प्रशन चिन्ह लगा रहे हे क्रॉस पर टांगा हुआ मुर्दा पूजने वाले बाइबल को सब कुछ मानते हे और वो ही मुर्दा क्रॉस गले में डालते हे इसमें कौन सा विज्ञान हे ? हिंदुओ को सरदार में कन्वर्ट करने वाले अपने ग्रंथ को गुरु मानते हे और सिर पर पगड़ी और जटा जुट रख कर ग्रहस्थ में रह कर भोग भोगते माँस मदिरा में लिप्त सबसे धर्ममय जाने जाते हे । इसमें कौन सा विज्ञान हे ? क़ब्र पर चादर चढ़ाने वाले दुनिया में अजमेर शरीफ़ अर्थात शरीफ़ शांति दूत क़ुरान को सब कुछ मानते हे जिहाद करते हे इसमें कौन सा विज्ञान हे ? किंतु हिंदू को इनसे कोई दिक्कत परेशानी नहीं हे परेशानी अपने धर्म को जानने से हे उसके लिए समय निकलना कठिन हे और उपरोक्त संप्रदायों के स्थानो पर जाने के लिए पूर्ण समय , वैज्ञानिकता , दिखती हे अगर प्रशन सनातन धर्म से किए जाते हे तो उत्तर भी लिए जाने चाहिए और उत्तर के लिए समय देना पड़ेगा, सनातन धर्म ग्रंथ पढ़ने पड़ेंगे और क्या अन्य संप्रदायों से भी प्रशन नहीं किए जाने चाहिए ? हमारे सनातन गुरुकुलों में शास्त्र और शस्त्र की शिक्षा इसीलिए देते थे । एक हाथ में माला और एक हाथ मे भाला इसलिए समझाया जाता हे । हमारे देवी देवताओं ने भी शस्त्र धारण किए हुए हे । हमें पाखंडियों ने पाखण्ड शास्त्र पढ़वाए और आज परिणाम हमारे आगे हे धन कमा रहे हे और ये शांति दूत या तो उसे नष्ट कर देंगे या लूट लेंगे इनके मदरसे आज पुष्ट हो गए और दुर्भाग्य यह की हमारे मंदिर भी धर्म शिक्षा की चर्चा करने के लिए कहते हे की कार्यकारिणी की आज्ञा चाहिए । और हमें एक सुरक्षित भारत चाहिए । विडम्बना हमारा व्यक्ति ही हमारा विरोधी हे इन शांति दूतों का दम हमारी आपसी विरोधी गतिविधियाँ हे और चर्चा करो तो अधिकांश लोग मौन रहते हे या ग्रूप छोड़ जाते हे । क्या हम लोग कुछ भी नहीं कर सकते अपने धर्म को बचाने के लिए ? लाल कपड़े में सादर रखी गीता खोलकर पढ़ने और उस का पाठ करने से पुण्य मिलेगा और अभ्यास करने से सद्दगती । अपने को विद्वान दिखाने वाला कौन- एक हिंदू अपने ६८ करोड़ तीर्थ भ्रमण ना करके दूसरे संप्रदायों पर मोमबत्ती जलाने वाला , कहीं चद्दर चढ़ाने वाला , कहीं बिना ग्रंथ पढ़े माथा टेकने वाला कौन-हिंदू अपने अनगिनत सनातन ग्रंथ नहीं पढ़े , दूसरों के ग्रंथो को बिना पढ़े मानने वाला और अपने ग्रंथो की सत्यता पर प्रशन उठाने वाला कौन -हिंदू जब हमारे पास हमारा सत्य सनातन धर्म हे तो हमारे लिए अन्य कोई सम्प्रदाय या पंथ विचारणीय ही क्यों ? और उपरोक्त बातों पर विरोध देने वाले भी बुद्धि जीवी कौन होंगे -हिंदू ज़रा सोचिए ..... राम राम