आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक़, कन्नौज के तिर्वा तहसील के बुथइयां गांव की किरण कुमारी राजपूत के पास उमर्दा ब्लॉक के ग्राम गुन्दहा में 23 बीघा जमीन है. इनके खेत में पानी भरा रहता है. खेती भी ठीक से नहीं होती है. फिर उन्होंने खेत के पानी भरे हिस्से को तालाब में बदलने का निर्णय लिया.
किरण ने साल 2016 में जल प्लावन योजना के अंतर्गत प्रशासन से 2 लाख रुपये लिए. कुछ जमा पूंजी और कुछ उधार लेकर मछली पालन शुरू कीं. 23 बीघा जमीन में तालाब का काम शुरू करने में 11 लाख खर्च हुए.
शुरुआत में थोड़ा मुनाफा हुआ. इसके बाद तालाब के बीच में एक बीघा का आइलैंड बना दीं. उसमें आम, अमरूद, केला, करौंदा, पपीता, सहजन के पेड़ और फूलों के पौधे लगाकर बगीचा बना दिया. ये आईलैंड आकर्षण का केंद्र बन गया. अब लोग वहां घूमने के लिए आते हैं और वोटिंग करते हैं.
किरण के अस्वस्थ होने के कारण अब आईलैंड की रखवाली उनका बेटा शैलेंद्र करता है. तालाब में कत्तल, नैन, चाइना फिश, ग्रास कटर और सिल्वर मछलियां हैं. मछली पालन और फल बेचकर वे अब हर साल करीब 20 से 25 लाख की कमाई करते हैं.
आईलैंड को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं. यह हर किसी के आकर्षण का मुख्य बिंदू बना हुआ है. गूगल ने भी उसके काम की तारीफ की है और सम्मान पत्र जारी किया है.
शैलेंद्र के मुताबिक़, एक साल पहले गूगल ने उन्हें सर्टिफिकेट दिया था. उनके आईलैंड की तारीफ भी हुई थी. गूगल ने इसकी फोटो भी अपलोड की थी.