🏅 32 साल की पैरा-एथलीट सकीना खातून की कहानी एक अद्वितीय प्रेरणा है। 'कुछ भी असंभव नहीं' का जीता-जागता उदाहरण, सकीना ने पोलियो से लड़कर पैरालिंपिक के लिए क्वालीफाई किया। उनके इस संघर्ष ने उन्हें भारत की पहली महिला पावरलिफ्टर बना दिया है जो पैरालिंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं। 🌟
🌍 दुबई में आयोजित पैरा पावरलिफ्टिंग विश्व कप में सकीना ने 80 किग्रा भार उठाकर 45 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता, जिससे उन्होंने देश को गौरवान्वित किया। उनकी मेहनत और संघर्ष की कहानी दिल को छू लेने वाली है। 🥈 उनकी अद्वितीय यात्रा ने कई लोगों को प्रेरित किया है।
🏋️♀️ हाल ही में, थाईलैंड के पटाया में पैरा पावरलिफ्टिंग विश्व कप 2024 में सकीना ने दो कांस्य पदक जीते। उन्होंने महिलाओं की 55 किलोग्राम तक की स्पर्धा में 93 किलोग्राम का भार उठाकर सर्वश्रेष्ठ लिफ्ट और कुल लिफ्ट श्रेणियों में पदक हासिल किए। उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के बावजूद, वह इस साल पैरालंपिक खेलों के लिए स्थान हासिल करने से चूक गईं। 🥉
🇮🇳 इस टूर्नामेंट में अन्य भारतीय एथलीटों ने भी शानदार प्रदर्शन किया। पुरुषों की 65 किलोग्राम तक की श्रेणी में भारत के अशोक मलिक ने 197 किलोग्राम की व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ लिफ्ट के साथ स्वर्ण पदक जीता। 🌟 उनकी लिफ्ट ने पूरे देश को गर्व से भर दिया। वहीं, पुरुषों की 49 किलोग्राम तक की श्रेणी में परमजीत सिंह ने 162 किलोग्राम की लिफ्ट के साथ रजत पदक जीता। 🥈