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आइडिया कैसा है सही है…
पहाड़ों में अब नदी नालों के ऊपर ही बड़े-बड़े कालम डालकर उसके ऊपर रोड बनाई जा रही है ट्रेन की लाइन भी बिछाई जाएगी इससे पहाड़ों का नुकसान नहीं होगा जगह-जगह कटान नहीं होगा पहाड़ नहीं दरकेंगे यही सबसे अच्छा है पहाड़ो के लिए,,,…

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यू अपने गांव के घर को छोड़ के ना जाया करो..👏
कब छोड़ना पड़ जाऐ शहर, इसलिए गांव में भी घर बनाया करो ।।👏…

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इस आनन्द को वही महसूस कर सकता है जो कभी परदेस गया हो ll अपना गाँव आने पर लगता है, जैसे शरीर में नई चेतना आ गई हो।यही जन्म भूमि का प्यार है ।।
❤️💯❣️…

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हिन्दू राष्ट्रवादी शेर को दिल से सैल्यूट 💪 🥰🔥🫡

इसी की आवश्यकता थी
धन्यवाद इस भाई को जिसने बांग्लादेशी हिन्दुओं की रक्षा के लिए खेल के मैदान #कानपुर में सार्वजनिक मुखरता दिखाई

भारतमाता की जय ❤️

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जिनकी औकात नहीं होती बैठने की,
वो ही सिलेंडर और पत्थर रखते हैं 🔥🤷…

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कागज से पिछवाड़ा पोछने वाले विज्ञान हमको सिखाएंगे

जो वो आज कर रहे है हमने हजारो साल पहले कर दिया…

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👏🏼 एक दोस्त हलवाई की दुकान पर मिल गया ।

⭕मुझसे कहा- ‘आज माँ का श्राद्ध है, माँ को लड्डू बहुत पसन्द है, इसलिए लड्डू लेने आया हूँ '

⭕मैं आश्चर्य में पड़ गया ।
अभी पाँच मिनिट पहले तो मैं उसकी माँ से सब्जी मंडी में मिला था ।

⭕मैं कुछ और कहता उससे पहले ही खुद उसकी माँ हाथ में झोला लिए वहाँ आ पहुँची ।

⭕मैंने दोस्त की पीठ पर मारते हुए कहा- 'भले आदमी ये क्या मजाक है ?
माँजी तो यह रही तेरे पास !

⭕दोस्त अपनी माँ के दोनों कंधों पर हाथ रखकर हँसकर बोला, ‍'भई, बात यूँ है कि मृत्यु के बाद गाय-कौवे की थाली में लड्डू रखने से अच्छा है कि माँ की थाली में लड्डू परोसकर उसे जीते-जी तृप्त करूँ ।

⭕मैं मानता हूँ कि जीते जी माता-पिता को हर हाल में खुश रखना ही सच्चा श्राद्ध है ।

♻आगे उसने कहा, 'माँ को मिठाई,
सफेद जामुन, आम आदि पसंद है ।
मैं वह सब उन्हें खिलाता हूँ ।

♻श्रद्धालु मंदिर में जाकर अगरबत्ती जलाते हैं । मैं मंदिर नहीं जाता हूँ, पर माँ के सोने के कमरे में कछुआ छाप अगरबत्ती लगा देता हूँ ।

⭕सुबह जब माँ गीता पढ़ने बैठती है तो माँ का चश्मा साफ कर के देता हूँ । मुझे लगता है कि ईश्वर के फोटो व मूर्ति आदि साफ करने से ज्यादा पुण्य
माँ का चश्मा साफ करके मिलता है ।

♻यह बात श्रद्धालुओं को चुभ सकती है पर बात खरी है ।
⭕हम बुजुर्गों के मरने के बाद उनका श्राद्ध करते हैं ।
पंडितों को खीर-पुरी खिलाते हैं ।
♻रस्मों के चलते हम यह सब कर लेते है, पर याद रखिए कि गाय-कौए को खिलाया ऊपर पहुँचता है या नहीं, यह किसे पता ।

*🙏🏻🌺 माता-पिता को जीते-जी ही सारे सुख देना वास्तविक श्राद्ध है ॥*

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