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Our Couple of the day, Hero #allusirish & Heroine #gayatribhardwaj

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#raayan and his bros setting the screens on fire! 🐲🐲🐲🔥🔥🔥

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क्या आप जानते हैं कि इस दुनिया में एक ऐसा महान शिक्षक है जिसने अपने जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी के बावजूद अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का संकल्प लिया? यह कहानी है एक ऐसे शिक्षक की जिसने अपने बेटे को जन्म देते समय अपनी पत्नी को खो दिया, लेकिन फिर भी अपने बच्चों को पढ़ाने और एक बाप का कर्तव्य निभाने में कभी पीछे नहीं हटा। 🌟
इस शिक्षक की पत्नी ने जब उनके बेटे को जन्म दिया, तब उनका निधन हो गया। यह उनके जीवन का सबसे बड़ा झटका था। लेकिन इस कठिन परिस्थिति में भी उन्होंने हार मानने के बजाय अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का संकल्प लिया।
इस शिक्षक ने न केवल अपने बेटे की परवरिश की जिम्मेदारी उठाई, बल्कि अपने विद्यार्थियों की शिक्षा में भी कोई कमी नहीं आने दी। वे दिन में स्कूल में बच्चों को पढ़ाते और रात में अपने बेटे की देखभाल करते। उनके इस समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें उनके विद्यार्थियों और समुदाय के बीच एक मिसाल बना दिया।
यह शिक्षक हमें सिखाते हैं कि जीवन में चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं, अगर हम दृढ़ संकल्प और समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों को निभाते हैं, तो हम हर बाधा को पार कर सकते हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि एक सच्चा शिक्षक न केवल ज्ञान का दीपक जलाता है, बल्कि अपने कर्तव्यों को भी पूरी निष्ठा से निभाता है।
बहुत ही अद्भुत और शानदार प्रदर्शन
आप हमेशा स्वस्थ रहे

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कंचनमाला पांडे ने इतिहास रचते हुए वर्ल्ड पैरा-स्विमिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया। उन्होंने एस-11 कैटेगरी में 200 मीटर मेडले इवेंट में पहला स्थान प्राप्त किया, जो दृष्टिहीन तैराकों के लिए विशेष है।
कंचनमाला ने अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर 120 से अधिक पदक जीते हैं, जिसमें 115 स्वर्ण, 4 रजत और 1 कांस्य शामिल हैं। उनकी मेहनत और इच्छाशक्ति ने उन्हें एक महान तैराक बना दिया है। यह प्रेरणादायक कहानी हमें सिखाती है कि शारीरिक चुनौतियाँ कभी भी हमारे सपनों की राह में बाधा नहीं बन सकतीं।
अमरावती की रहने वाली कंचनमाला नागपुर में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में काम करती हैं और नियमित रूप से एक्वा स्पोर्ट्स क्लब में प्रशिक्षण लेती हैं। उनके कोच प्रवीण लमखड़े और सहायक कोच शशिकांत चांडे के नेतृत्व में उन्होंने उच्च स्तर की ट्रेनिंग प्राप्त की है। कंचनमाला ने 100 मीटर फ्रीस्टाइल में मामूली अंतर से चौथा स्थान प्राप्त किया, और 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक और बैकस्ट्रोक में पांचवां स्थान हासिल किया।
कंचनमाला की यह यात्रा केवल पदकों की नहीं, बल्कि संघर्ष और सफलता की है। उनका कहना है, "मैंने वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए अच्छी तैयारी की थी। मुझे मेक्सिको में अच्छे प्रदर्शन और एक मेडल की उम्मीद थी, लेकिन गोल्ड मेडल जीतना वाकई में हैरान कर देने वाला है।" 🥇

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Kajol
काजोल को जन्मदिन की शुभकामनाएं
#kajol #kajoldevgan #hbdkajol #happybirthdaykajol

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This is how much it meant for all of us. Like I said, this could have been the last, but we’ve earned the right to play two more! Your support has been our strength, India. Let’s keep this dream alive together! 🇮🇳

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