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एक आदमी दुनिया के सामने एक महिला को मुक्का मार रहा है। यह दिल दहला देने वाला है 💔
IOC ने #paris2024 में महिलाओं के खिलाफ़ पुरुष हिंसा को मनोरंजन के तौर पर वैध बना दिया बेहद शर्मनाक 😡🤬 कल पेरिस ओलंपिक में बॉक्सिंग रिंग में जो हुआ बेहद शर्मनाक है 😢
अल्जीरिया के ईमान खालिफ जोकि एक बायोलॉजिकल रूप से XY हार्मोन्स वाला पुरूष है और लिंग बदल कर महिला मुक्केबाजी में हिस्सा ले रहे है आप बताइए क्या कोई महिला किसी पुरुष के सामने टिक पाएगी ऐसा ही कल हुआ इटली की बॉक्सर ने मात्र 45 सेकंड में खेल छोड़ दिया।
मुझे ट्रांसजेंडर खिलाड़ी से कोई तकलीफ नहीं है अगर ओलंपिक एसोसिएशन को इन्हें हिस्सा लेने देना है तो एक अलग कैटेगरी क्यों नहीं बना दी जाती सभी ट्रांस खिलाड़ी महिलाओ के साथ ही क्यों लड़ते दिखाए देते है क्योंकि महिलाएं इनके लिए सॉफ्ट टारगेट है बात अगर बराबरी की है तो किसी पुरुष खिलाड़ी के सामने खेल कर देख लें।
ट्रांस खिलाड़ियों का महिलाओं के साथ कंपीटिशन कुछ ऐसा है जैसा घोड़ों की रेस में चीते को छोड़ देना
खेल के नाम पर इस तरह के वोइलेंस को आप कैसे बरदाश्त कर सकते है 😥
Paris Olympics में जितना कुछ हो रहा है अगर यही हमारे देश के किसी वर्ल्ड इवेंट में हो गया होता तो ये यूरोप वाले ज़मीन सर पर उठा लेते।
USA की खिलाड़ी ने बताया कि 5 प्लेयर्स से 1 बाथरूम शेयर कराई जा रही है।
कैनेडियन स्विमर ने Live TV पर Vomit कर दिया क्योंकि सीन नदी के गंदे पानी में उसे तैराया गया।
इटली की महिला बॉक्सर से Imane khelif जैसा मर्द लड़ा दिया।
Paris Olympics में इतना सब हो रहा है मगर कोई कुछ भी नहीं कहेगा मगर यही India या किसी एशियन देश में हो जाता तो सभी अंग्रेज़ों के पेट दर्द होने लगता।
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महाराष्ट्र में शिरडी साई बाबा की अपार सफलता के बाद पुणे में पेश है ---
*..!! पीर साहेब मंदिर ..!!*
वे जानते हैं, चर्च लिखेंगे तो
एक भी ईसाई यहाँ नहीं आएगा, लेकिन ... मंदिर लिखेंगे तो हजारों लालची हिंदू बिना सोचे समझे रोज माथा पटकने आएंगे और लाखों का चढ़ावा चढ़ाएंगे ।
दुनिया में सबसे बड़े मूर्ख और
सबसे बड़े लालची .... हिन्दू जो होते हैं । साथ ही वे मन्नतों में ही भगवान बदल लेते हैं ।
एक मन्नत के चक्कर में सनातन संस्कृति और सनातन देवी-देवता छोड़ देते हैं ।
ऐसे ही लालचियों को चर्च और जेहादी दोनोें मिलकर मूर्ख बनाते आए हैं और सनातन धर्म और भारत को खोखला करते आए हैं ।
प्रश्न तो यह है कि ---
यह पीर साहेब मन्दिर ही क्यों ? पीर साहेब चर्च क्यों नहीं ?
पीर साहेब मज्जिद क्यों नहीं ?
क्योंकि इनको भी पता है, कि दोगले और सेक्युलर हिन्दू आएंगे, लाखों का चढ़ावा भी चढ़ाएंगे, बाकी कोई ईसाई तो यहाँ आएगा नहीं ।
जिस दिन तुम जाग जाओगे, इनकी यह नोटंकी भी खतम, सब बंद हो जाएगी ..... । जागो हिन्दू जागो। "जो जागत हैं वो पावत हैं, जो सोबत हैं वो खोबत हैं" ।