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भारत की पुरुष और महिला टीमों ने 22 सितंबर, रविवार को इतिहास रचते हुए हंगरी में आयोजित 2024 FIDE शतरंज ओलंपियाड में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। विजेता टीम के दो सदस्य, आर प्रज्ञानानंदा और उनकी बहन वैशाली, आज सुबह चेन्नई लौटे, जहां एयरपोर्ट पर उनके प्रशंसकों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।
प्रज्ञानानंदा ने इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताया और कहा कि बहुत कम देश ही पुरुष और महिला दोनों श्रेणियों में एक साथ स्वर्ण पदक जीतने में सफल हो पाते हैं। उनका मानना है कि इस उल्लेखनीय उपलब्धि से देश में शतरंज की लोकप्रियता और भी बढ़ेगी। उन्होंने गर्व से कहा, "पुरुष और महिला दोनों टीमों ने स्वर्ण पदक जीता है।"

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किसी भी खेल का एक महान खिलाड़ी एक किसान की तरह होता है
जो अपने खेल से नवयुवाओ के दिमाग में अपने खेल के बीज बोता हे और फिर वो बिज अंकुरित होकर बड़ा पेड़ बनते है और फल देते हे
आज प्रज्ञा , गुकेस, विदित ,अर्जुन और श्रीनाथ जैसे खिलाड़ी हो या महिला खिलाड़ी हो उन्होंने बचपन में चेस खेलते समय एक सपना जरूर देखा होगा
विश्वनाथ आनंद जैसा खिलाड़ी बनने का । और आज वो दुनिया मे भारत का तिरंगा शान से लहरा रहे हे
तो उन सबकी एक प्रेरणा स्त्रोत रहे हे " विश्वनाथ आनंद "
और ये सब नवयुवा आने वाली पीढ़ी के प्रेरणास्त्रोत बनेंगे
नमन हे आपको विश्व सर

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