#aimim अध्यक्ष बैरिस्टर Asaduddin Owaisi Saheb 25 सितंबर, 2024 को मुंबई पहुँचेंगे और लोगों से मुलाक़ात करेंगे।
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#aimim अध्यक्ष बैरिस्टर Asaduddin Owaisi Saheb 25 सितंबर, 2024 को मुंबई पहुँचेंगे और लोगों से मुलाक़ात करेंगे।
आरोपी ने पुलिस की पिस्टल छीनकर खुद को गोली मार लिया! सोचिए उसे मौत आसान लगी, जेल से।
बदलापुर महाराष्ट्र रेप कांड के आरोपी ने ऐसा किया है
रेप कांड का एक आरोपी बंगाल में भी है,लेकिन उसे पता है की उसको बचाने के लिए तंत्र लगा हुआ है। #rgkar
आरोपी ने पुलिस की पिस्टल छीनकर खुद को गोली मार लिया! सोचिए उसे मौत आसान लगी, जेल से।
बदलापुर महाराष्ट्र रेप कांड के आरोपी ने ऐसा किया है
रेप कांड का एक आरोपी बंगाल में भी है,लेकिन उसे पता है की उसको बचाने के लिए तंत्र लगा हुआ है। #rgkar
आरोपी ने पुलिस की पिस्टल छीनकर खुद को गोली मार लिया! सोचिए उसे मौत आसान लगी, जेल से।
बदलापुर महाराष्ट्र रेप कांड के आरोपी ने ऐसा किया है
रेप कांड का एक आरोपी बंगाल में भी है,लेकिन उसे पता है की उसको बचाने के लिए तंत्र लगा हुआ है। #rgkar
नागपूरची सुकन्या 'दिव्या देशमुख' ठरली विश्वविजेती!♟️🏆
अवघ्या 18 व्या वर्षी जागतिक बुद्धिबळ क्रमवारीत पहिली!
20 वर्षांखालील मुलींच्या 'जागतिक ज्युनिअर बुद्धिबळ क्रमवारी'त पहिला क्रमांक पटकवल्याबद्दल विदर्भकन्या, नागपूरची रहिवासी कु. दिव्या देशमुखचे मन:पूर्वक अभिनंदन!
नुकत्याच पार पडलेल्या 'आंतरराष्ट्रीय चेस ऑलिम्पियाड 2024' स्पर्धेत अंतिम सामन्यात सुवर्णपदक जिंकणाऱ्या भारतीय टीमचाही दिव्या भाग होतीच, शिवाय याच स्पर्धेत 9.5 गुणांसह तिने वैयक्तिक सुवर्णपदकही 🥇पटकावले. या दिमाखदार कामगिरीसह भारताचे आणि महाराष्ट्राचे नाव जगभरात उंचावल्याबद्दल आम्हाला तुझा सार्थ अभिमान आहे!
तुझी मेहनत आणि संघर्ष अनेक युवांसाठी प्रेरणादायी आहे. तुला पुढील वाटचालीसाठी खूप-खूप शुभेच्छा! 👍
AIMIM goons marched towards Mumbai to show strength. State Police stopped them at Mumbai Border. PeaceFOOLs started stone pelting.
But #maharashtra has .
@Dev_Fadnavis
Ji as State HM who gave Police AUTHORITY to DEAL.
Now BRAVES running in all directions.
लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफ़सी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही, कुर्सी से गिरकर, मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है।
ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं। इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा। ये देश के मानव संसाधन की अपूरणीय हानि है। ऐसे आकस्मिक निधन काम के हालातों को सवालों के घेरे में ले आते हैं। किसी भी देश की असली तरक़्क़ी का पैमाना सेवा या उत्पाद के आँकड़े का बढ़ना नहीं होता बल्कि ये होता है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना स्वतंत्र, स्वस्थ व प्रसन्न है।
भाजपा सरकार की नाकाम आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियों का काम-कारोबार इतना घट गया है कि अपने व्यापार-व्यवसाय को बचाने के लिए वो कम लोगों से कई गुना काम करवाती हैं। ऐसी आकस्मिक मृत्यु के लिए जितनी भाजपा सरकार ज़िम्मेदार है उतने ही जनमानस को मानसिक रूप से हतोत्साहित करनेवाले भाजपाइयों के बयान भी।
इस समस्या से उबरने के लिए कंपनियों और सरकारी विभागों को ‘तत्काल सुधार’ के लिए सक्रिय और सार्थक प्रयास करने चाहिए।