पाते हैं सम्मान तपोबल से भूतल पर शूर,
'जाति-जाति' का शोर मचाते केवल कायर क्रूर।
भारतीय काव्य जगत के ध्रुवतारे, कालजयी साहित्यकार एवं 'राष्ट्रकवि' रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
वीरता, राष्ट्रप्रेम और मानस सेवा को समर्पित आपकी रचनाएं आम जनमानस में राष्ट्रीय चेतना के भाव को सदैव जागृत करती रहेंगी।