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वैज्ञानिक तथ्य, जो ये सिद्ध करते है की रामायण की रचना आज से लगभग ९ लाख वर्ष पूर्व हुई।
सतयुग 17 लाख 28 हजार वर्ष, त्रेतायुग 12 लाख 96 हजार वर्ष, द्वापर युग 8 लाख 64 हजार वर्ष और कलियुग 4 लाख 32 हजार वर्ष का बताया गया है।
अर्थात् श्रीराम के जन्म होने और हमारे समय के बीच द्वापरयुग है।
कलियुग के लगभग 5200 वर्ष बीत चुके है।
महर्षि बाल्मीकि जी, राम जी के समकालीन थे, जिन्होंने आज से लगभग ९ लाख वर्ष पूर्व संस्कृत भाषा में रामायण की रचना की जिसे श्री तुलसीदास जी ने ६०० वर्ष पूर्व अवधि भाषा में रूपांतरित किया जो रामचरितमानस कहलाई।
वैज्ञानिक तथ्य :- रामायण सुन्दरकांड सर्ग 5, श्लोक 12 मे महर्षि वाल्मीकि जी लिखते है- वारणैश्चै चतुर्दन्तै श्वैताभ्रनिचयोपमे भूषितं रूचिद्वारं मन्तैश्च मृगपक्षिभि|
अर्थात् जब हनुमान जी वन मे श्रीराम और लक्ष्मण के पास जाते है तब वो सफेद रंग 4 दांतो नाले हाथी(GOMPHOTHERE) को देखते है,
कार्बन डेटिंग पद्धति से इसकी की आयु लगभग 10 लाख से 50 लाख के आसपास मिलती है।
विश्व शांति और मानव कल्याण के लिए सत्य को पहचाने और सनातन धर्म की और लौटे।
सनातन सभा का आयोजन संपूर्ण भारत के मंदिरो में हर शनिवार रात्रि ८ बजे(१५ मिनट के लिए) किया जा रहा है, आप भी आपने आसपास के मंदिरो में हर शनिवार रात्रि ८ बजे परमआनंद को देने वाली कल्याण करने वाली सनातन सभा का आवाहन कीजिये और सम्मिलित होइए। ५ मिनट ईश्वर की वंदना और १० मिनट किसी वृद्ध या सर्वमान्य व्यक्ति द्वारा सनातन धर्म की रक्षा एवं उसके महत्त्व पर चर्चा करे।