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मुश्किलों को आसान रखा है।
बस जीने का सामान रखा है।।
ज़िन्दगी तेरी इन ज़रूरतों ने-
पाँवों का इम्तिहान रखा है।
घड़ियों पर नज़रें रख के भी-
हर लम्हा इत्मिनान रखा है।
गलती नही तुम्हारी इसमें-
जो मुझ पे एहसान रखा है।
हमने दिल के तहखाने से-
सबको ही अनजान रखा है।
वो अभिमानी इसलिए ठहरे-
हद से ज़्यादा मान रखा है।
हमने टूटे ख़्वाबों का ‘शेखर’-
सोच के नाम उड़ान रखा है।
नये दौर ने बंजारों का इकतारा छीन लिया,
रोज़ी-रोटी ज़िंदगी का गुज़ारा छीन लिया।
क़ुल्फ़ियाँ चुपके से घर को भेजने वालों ने-
रेहड़ियों की घंटियों का हुंकारा छीन लिया।
ये बनाकर के लाओ,तुम वो बन के आओ-
पाठशालाओं ने बचपन सारा छीन लिया।
वो फ़ेरी वाला आख़िर बेचे भी तो क्या बेचे-
पबजी खेल ने उसका ग़ुब्बारा छीन लिया।
पर्दे पर ढाई घंटे की चाँदी सी चमक ने-
गरीब बहरूपियों का सितारा छीन लिया।
कहने लगे हैं आजकल बच्चे पोपकोर्न उसे-
भुट्टे वालों से वक़्त ने अंगारा छीन लिया।
छीन ली एक सभ्यता,एक दौर,एक ख़ुशी-
बाज़ारवाद ने वो दौर दुलारा छीन लिया।
#thekeralastory देखने बाद पता चला बेटियों को अब्दुल और अफ़रोज़ से ही नहीं
सलमा और शबाना से भी दूर रखना है।😡😡