Discover postsExplore captivating content and diverse perspectives on our Discover page. Uncover fresh ideas and engage in meaningful conversations
🌹🌹भगवान कहाँ हैं ? कौन हैं ? किसने देखा है ?🌹🌹
.
एक लड़का कईं दिनों से बेरोजगार था, एक एक रूपये की कीमत जैसे करोड़ो लग रही थी, इस उठापटक में था कि कहीं नौकरी लग जाए।
.
आज एक इंटरव्यू था, पर दूसरे शहर और जाने के लिए जेब में सिर्फ दस रूपये थे। उसे कम से कम पांच सौ की जरूरत थी।
.
अपने एकलौते इन्टरव्यू वाले कपड़े रात में धो पड़ोसी की प्रेस मांग के तैयार कर पहन अपने योग्यताओं की मोटी फाइल बगल में दबा दो बिस्कुट खा के निकला l
.
लिफ्ट ले, पैदल जैसे तैसे चिलचिलाती धूप में तरबतर बस स्टेंड पहुचा शायद कोई पहचान वाला मिल जाए।
.
काफी देर खड़े रहने के बाद भी कोई न दिखा।
.
मन में घबराहट और मायूसी थी, क्या करूंगा अब कैसे पहचुंगा।
.
पास के मंदिर पर जा पहुंचा, दर्शन कर सीढ़ियों पर बैठा था पास में ही एक फकीर बैठा था l
.
उसके कटोरे में उसकी जेब और बैंक एकाउंट से भी ज्यादा पैसे पड़े थेl
.
उसकी नजरे और हालत समझ के बोला, "कुछ मदद कर सकता हूं क्या?"
.
वह मुस्कुराता बोला, "आप क्या मदद करोगे?"
.
"चाहो तो मेरे पूरे पैसे रख लो ।" वो मुस्कुराता बोला।
.
वे चौंक गया । उसे कैसे पता मेरी जरूरत ।
उसने कहा "क्यों ...?"
.
"शायद आप को जरूरत है" वो गंभीरता से बोला।
.
"हां है तो पर तुम्हारा क्या तुम तो दिन भर मांग के कमाते हो ।" उस ने उस का पक्ष रखते बोला।
.
वो हँसता हुआ बोला, "मैं नहीं मांगता साहब लोग डाल जाते है मेरे कटोरे में पुण्य कमानें l
मैं तो फकीर हूं मुझे इनका कोई मोह नहीं, मुझे सिर्फ भुख लगती है, वो भी एक टाईम और कुछ दवाईंया बस l
मैं तो खुद ये सारे पैसे मंदिर की पेटी में डाल देता हूं ।" वो सहज था कहते कहते।
.
उस नें हैरानी से पूछा, "फिर यहां बैठते क्यों हो..?"
.
"आप जैसो की मदद करनें ।" वो फिर मंद मंद मुस्कुरा रहा था।
.
वे उसका मुंह देखता रह गया, उसने पांच सौ उसके हाथ पर रख दिए और बोला, "जब हो तो लौटा देना।"
.
वे शुक्रिया जताता वहां से अपने गंतव्य तक पहुचा, उसका इंटरव्यू हुआ, और सिलेक्शन भी ।
.
वे खुशी खुशी वापस आया सोचा उस फकीर को धन्यवाद दूं,
.
मंदिर पहुचां
बाहर सीढ़़ियों पर भीड़ थी,
वे घुस के अंदर पहुचा देखा
वही फकीर मरा पड़ा था l
.
वे भौंचक्का रह गया।, उस ने दूसरो से पूछा कैसे हुआ l
.
पता चला, वो किसी बिमारी से परेशान था, सिर्फ दवाईयों पर जिन्दा था आज उसके पास दवाईंया नहीं थी और न उन्हैं खरीदने या अस्पताल जाने के पैसे ।
.
वे आवाक सा उस फकीर को देख रहा था। अपनी दवाईयों के पैसे वो मुझे दे गया था।
जिन पैसों पे उसकी जिंदगी का दारोमदार था, उन पैसों से मेरी ज़िंदगी बना दी थी....
भीड़ में से कोई बोला, अच्छा हुआ मर गया ये भिखारी भी साले बोझ होते है कोई काम के नहीं।...........
.
उसकी आँखें डबडबा आयी।
वो भिखारी कहां था, वो तो उसके लिए भगवान ही था।
हनुमान जी की पत्नी के साथ दुर्लभ फोटो
कहा जाता है कि हनुमान जी के उनकी पत्नी के साथ दर्शन करने के बाद घर में चल रहे पति पत्नी के बीच के सारे तनाव खत्म हो जाते हैं।
आंध्रप्रदेश के खम्मम जिले में बना हनुमान जी का यह मंदिर काफी मायनों में खास है। यहां हनुमान जी अपने ब्रह्मचारी रूप में नहीं बल्कि गृहस्थ रूप में अपनी पत्नी सुवर्चला के साथ विराजमान है।
हनुमान जी के सभी भक्त यही मानते आए हैं की वे बाल ब्रह्मचारी थे और वाल्मीकि, कम्भ, सहित किसी भी रामायण और रामचरित मानस में बालाजी के इसी रूप का वर्णन मिलता है। लेकिन पराशर संहिता में हनुमान जी के विवाह का उल्लेख है। इसका सबूत है आंध्र प्रदेश के खम्मम ज़िले में बना एक खास मंदिर जो प्रमाण है हनुमान जी की शादी का।
यह मंदिर याद दिलाता है रामदूत के उस चरित्र का जब उन्हें विवाह के बंधन में बंधना पड़ा था। लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि भगवान हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी नहीं थे। पवनपुत्र का विवाह भी हुआ था और वो बाल ब्रह्मचारी भी थे।
कुछ विशेष परिस्थितियों के कारण ही बजरंगबली को सुवर्चला के साथ विवाह बंधन में बंधना पड़ा। दरअसल हनुमान जी ने भगवान सूर्य को अपना गुरु बनाया था।
हनुमान, सूर्य से अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। सूर्य कहीं रुक नहीं सकते थे इसलिए हनुमान जी को सारा दिन भगवान सूर्य के रथ के साथ साथ उड़ना पड़ता और भगवान सूर्य उन्हें तरह-तरह की विद्याओं का ज्ञान देते। लेकिन हनुमान जी को ज्ञान देते समय सूर्य के सामने एक दिन धर्मसंकट खड़ा हो गया।
कुल 9 तरह की विद्या में से हनुमान जी को उनके गुरु ने पांच तरह की विद्या तो सिखा दी लेकिन बची चार तरह की विद्या और ज्ञान ऐसे थे जो केवल किसी विवाहित को ही सिखाए जा सकते थे।
हनुमान जी पूरी शिक्षा लेने का प्रण कर चुके थे और इससे कम पर वो मानने को राजी नहीं थे। इधर भगवान सूर्य के सामने संकट था कि वह धर्म के अनुशासन के कारण किसी अविवाहित को कुछ विशेष विद्याएं नहीं सिखला सकते
थे।
ऐसी स्थिति में सूर्य देव ने हनुमान जी को विवाह की सलाह दी। और अपने प्रण को पूरा करने के लिए हनुमान जी भी विवाह सूत्र में बंधकर शिक्षा ग्रहण करने को तैयार हो गए। लेकिन हनुमान जी के लिए दुल्हन कौन हो और कहां से वह मिलेगी इसे लेकर सभी चिंतित थे।
सूर्य देव ने अपनी परम तपस्वी और तेजस्वी पुत्री सुवर्चला को हनुमान जी के साथ शादी के लिए तैयार कर लिया। इसके बाद हनुमान जी ने अपनी शिक्षा पूर्ण की और सुवर्चला सदा के लिए अपनी तपस्या में रत हो गई।
इस तरह हनुमान जी भले ही शादी के बंधन में बंध गए हो लेकिन शारीरिक रूप से वे आज भी एक ब्रह्मचारी ही हैं।
पाराशर संहिता में तो लिखा गया है की खुद सूर्यदेव ने इस शादी पर यह कहा की – यह शादी ब्रह्मांड के कल्याण के लिए ही हुई है और इससे हनुमान जी का ब्रह्मचर्य भी प्रभावित नहीं हुआ।
🙏जय श्री बालाजी की🙏