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सौम्यता,सादगी और विनम्रता की प्रतिमूर्ति,ओजस्वी वक्ता,पूर्व विदेश मंत्री और पद्म विभूषण से सम्मानित स्वर्गीय सुषमा स्वराज जी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत शत नमन।
#sushmaswaraj
अक्षय कुमार की ‘रक्षाबंधन’ के रिलीज से पहले फिल्म की लेखिका कनिका ढिल्लों ने ट्विटर पर सफाई अभियान शुरू किया है। कनिका ने अचानक से वे ट्वीट डिलीट करने शुरू किए हैं जिनसे उनकी हिंदू घृणा स्पष्ट झलक रही थी। एक यूजर के अनुसार उन्होंने सोमवार 1 अगस्त 2022 को करीब आधे घंटे के भीतर 17 ट्वीट हटाए। लेकिन उससे पहले इनमें से ज्यादातर के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके थे।
इन पुराने ट्वीट्स में देख सकते हैं कि कैसे कनिका ढिल्लों ने उस हर प्रदर्शन को समर्थन दिया जो मोदी सरकार के विरोध में था या फिर जहाँ हिंदुत्व को गाली दी गई अथवा देश को कोसा गया। सेलिब्रिटी होने के बावजूद एक से ज्यादा ट्वीट में कनिका ढिल्लों को भारत को लिंचिस्तान कहते देखा जा सकता है।
उन्होंने अकबर खान की हत्या मामले में भारत को लिंचिस्तान कहा था। उन्होंने लिखा था, “गौ-माता का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान!#लिंचिस्तान! गौमाता भी डरी हुई हैं और थक गई हैं! वह भी देश छोड़कर यूएस जाना चाहती हैं और तब तक ट्रंप को झेलने को तैयार हैं जब तक कि हिंदुस्तान में शांति, सामान्य बुद्धि और इंसानियत नहीं लौट आती।”
इसके अलावा जब 2018 में राजनाथ सिंह ने कहा था कि जरूरत पड़ने पर देश में लिंचिंग के विरुद्ध कानून लाया जाएगा तब भी कनिका ने इसे सवाल खड़े करते हुए पूछा था कि कौन से समय का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने अपने ट्वीट में केवल गौरक्षकों पर सवाल नहीं उठाए थे, बल्कि गौ माता पर भी प्रश्न खड़े किए थे।
इसके बाद जब साल 2019 में नागरिक संशोशन अधिनियम के विरुद्ध प्रदर्शन शुरू हुए तो कनिका ढिल्लों सक्रिय रूप से प्रदर्शनकारियों के समर्थन में ट्वीट करती दिखीं थी। एक ट्वीट में वह कागज नहीं दिखाएँगे कहती दिख रही हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में पुलिस को इस तरह पेश किया था कि प्रदर्शन के दौरान सिर्फ मुस्लिमों पर हमला नहीं किया, बल्कि साथ में उनके वाहनों में भी तोड़फोड़ की थी।
इसी तरह मध्य प्रदेश के खरगोन में जब हिंदुओं की शोभा यात्रा पर पत्थरबाजी हुई थी तो कनिका ढिल्लों ने सारा ठीकरा हिंदुओं पर फोड़ दिया था। उन्होंने कहा था, “मैं हिंदू हूँ और मुझे भारतीय मुस्लिमों की इज्जत करना सिखाया गया है। यही हिंदुओं के जीने का ढंग है। हम करम में विश्वास रखते हैं और इस तरह मस्जिदों पर पत्थरबाजी औप गरीब मुस्लिमों के घर उजाड़ना करम नहीं है। ये पागलपन है और हिंदुत्व के विरुद्ध है।”
बता दें कि कनिका ढिल्लों का मोदी विरोधी व्यवहार हमेशा से नहीं रहा। 2014 में उनके द्वारा किए गए ट्वीट देखें तो पता चलता है कि 2014 लोकसभा चुनावों के दौरान और उससे पहले वह मोदी समर्थक थीं। लेकिन अचानक उन्होंने ट्विटर पर भारत को नेगेटिव शेड में दिखाने के लिए हिंदुत्व को गाली देनी शुरू कर दी।
काम की बात करें तो कनिका ढिल्लों ने हसीन दिलरुबा, 2018 में आई मनमर्जियाँ, जजमेंटल है क्या, साइज जीरो जैसी फिल्मों में अपना योगदान दिया है।
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