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The Global Gaming Controller Market research study published by Emergen Research is a broad assortment of smart data about the Gaming Controller industry. Gaming regulators are additionally accessible in remote forms and with quick headways in computer generated experience applications, gaming regulators are presently being outfitted with remote movement controls. The report gives exhaustive inclusion of the Gaming Controller market situation for the ongoing time frame and conjecture course of events of 2021-2028. The Gaming Controller market report contains an inside and out investigation of the verifiable, current, and extended incomes for each industry vertical, fragment, end-use businesses, applications, and areas.
The report covers the Gaming Controller Market division alongside a nitty gritty blueprint of the Gaming Controller market size concerning volume and valuation. Gaming regulator is an info gadget for the most part utilized with computer games and theater setups to present contribution to video games or control items or symbols in the games. Throughout the long term, there has been huge enhancements in highlights and plans of gaming regulators and presently incorporate directional cushions, simple sticks, movement discovery, contact screens, and numerous buttons.
https://www.emergenresearch.co....m/industry-report/ga

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The global Artificial Intelligence (AI) & advanced Machine Learning (ML) market size is expected to arrive at USD 471.39 Billion at a consistent CAGR of 35.2% in 2028, as per most recent examination by Emergen Research. As per our group specialists, the worldwide Artificial Intelligence and Advanced Machine Learning market is projected to convey an eminent CAGR of 35.2% all through the conjecture time span to ascend from USD 42.18 Billion out of 2021 to USD 471.39 Billion of every 2028. The latest things of the Artificial Intelligence and Advanced Machine Learning market, joined with a wide cluster of learning experiences, key drivers, limitations, challenges, and other basic viewpoints, have been strikingly nitty gritty in the Artificial Intelligence and Advanced Machine Learning market report.
Moreover, the report considers different market elements, which, thus, create a plenty of formative possibilities for the main players engaged with the of the Artificial Intelligence and Advanced Machine Learning industry. The Global Artificial Intelligence and Advanced Machine Learning Market Report, distributed by Emergen Research, offers a far reaching appraisal of the Artificial Intelligence and Advanced Machine Learning market, which is comprehensive of the most critical variables adding to the development of the business. The most recent exploration report involves a broad investigation of the miniature and large scale financial pointers that impact the worldwide market advancement during the estimate time of 2021-2028.
https://www.emergenresearch.co....m/industry-report/ar

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Web Press Global - Health & Wellness, Fitness, Weight Loss! | #weight

Web Press Global - Health & Wellness, Fitness, Weight Loss!

From what source do skillful people recover new wellness traps? This is all the wellness business you want but thanks to everyone who left feedback on wellness.

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साभार डॉ Ravishankar Singh ...... जब जीवन में संकट आये, वह कितना बड़ा हो, किसी चीज से सम्बंधित हो।
अर्थ, प्रेम , परिवार, कुछ भी हो।
मेरी सलाह यही रहती है।
" रुक जाइये "
बिल्कुल रुकिये।
आप रुके नहीं कि ब्रह्मांड कि ऊर्जा आपके लिये काम करने लगती है।
रास्ते निकलने लगते है।
गीता में एक बात जो कही गई है कि कर्ता का भाव छोड़ो।
उसका बहुत व्यापक अर्थ है।
हम लोग यह सोचते है कि मैं नहीं करूँगा तो बिगड़ जायेगा।
ऐसा नहीं है! आप कर्ता बने है तो बिगड़ रहा है।
इसको कई तरह से व्याखित किया जा सकता है।
ज्योतिष कहती है कि ग्रहों की स्थिती ठीक नहीं है।
इसका अर्थ है कि आपको प्रतीक्षा करनी चाहिये।
रुक जाना, धैर्य रखना, प्रतीक्षा करना एक ही बात है।
रुकने के बाद, जो विचार का चक्र है, वह टूटता है। फिर बुद्धि नये विकल्पों के साथ समाधान लेकर आती है।
इसका प्रभाव इतना है कि जैसे कोई व्यक्ति 10 बजे आपको फोन किया कि मैं आत्महत्या करने जा रहा हूँ।
आप उसको इतना समझा ले कि आज मत करो, कल कर लेना तो 99.9% चांस है कि अब वह आत्महत्या कभी नहीं करेगा।
पूरी बात यही है कि रुक जाइये।
जन्म , मृत्यु, लाभ, हानि, विरह , वेदना जो भी है ! कुछ न करके आप समाधान पा जायेंगे।
तुम कर्ता मत बनो ! वास्तव में वह कह रहे है। करना तो तुम्हीं को है, लेकिन तुम यह समझो कि तुम कर नहीं सकते।

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हम विषम से विषम परिस्थितियों में भी सहज रहे।।
दिव्य दृष्टि .... Dr Ravishankar Singh
कोई हजार वर्ष तपस्या करे, यदि उसका दृष्टिकोण न बदले तो वह वैसे ही रहेगा। जैसा था।
वही उत्तेजना, क्रोध , काम , मोह , पीड़ा , दुख सब कुछ वैसे ही रहेगा।
कुंभ मेले में एक बार शंकराचार्यो में इस पर विवाद हो गया कि कौन गंगा में पहले डुबकी लगायेगा।
प्रशासन को पसीना आ गया, एक का कहना था, उनके पास दो पद है।
सब कुछ वैसे ही यथावत है। बस फिसलन कि देर है, लुढ़क कर कोई भी गिर सकता है।
दृष्टिकोण नहीं बदला है।
अर्जुन , कहता है।
यदि जीवन का उद्धार ही उद्देश्य है। वह ज्ञान , सन्यास से मिल सकता है। मैं भिक्षा मांगकर जीवन निर्वाह कर सकता हूँ। अपने लोगों के वध के पाप से तो बच जाऊँगा। आप स्वधर्म को भी तो महत्व देते है। मैं अपना उद्धार कर लूँगा।
फिर युद्ध कि क्या आवश्यकता है ?
अब अर्जुन के प्रश्न में गलत क्या है ! वह ठीक ही तो कह रहा है।
भगवान यह जानते भी है कि यह ठीक कह रहा है।
लेकिन उनको पता है कि अर्जुन का दृष्टिकोण नहीं बदला है।
यदि दृष्टिकोण ठीक होता तो वह कह देते, ठीक है जाओ।
यह कि मैं सन्यासी बन सकता हूँ,
यह कि मैं योद्धा बन सकता हूँ,
यह कि मैं किसी को मार सकता हूँ,
यह कि मैं विजय पा सकता हूँ,
यह कि कुछ मेरे अपने है,
यह कि मैं कुछ हूँ।
यह सब कुछ, धर्म कि दृष्टि में गलत दृष्टिकोण है।
इन सब के साथ अर्जुन हिमालय भी चला जाय, तो वही रहेगा जो कुरुक्षेत्र में है।
पूरी गीता, अर्जुन सहित हर व्यक्ति के दृष्टिकोण को बदल रही है।
यह बात बहुत मनोवैज्ञानिक है कि आपकी हर प्रतिक्रिया, इससे तय होती है कि आपका दृष्टिकोण क्या है।
किसी भी व्यक्ति पर क्रोध आना, दुखी होना, प्रेम होना ! हवा में नहीं है। यह हमारा दृष्टिकोण तय करता है।
प्रसिद्ध पुस्तक 'Man's search for meaning' के लेखक विक्टर ई फ्रैंकलिन जो एक मनोवैज्ञानिक थे। हिटलर के कैदियों पर काम किया।
उन्होंने लिखा है -
व्यक्ति का जीवन इससे निर्धारित होता है कि कष्ट , पीड़ा, विषम परिस्थितियों में कैसा दृष्टिकोण विकसित करता है।
मुझे पता नहीं है कि फ्रैंकलिन ने गीता पढ़ी थी या नहीं।
पहला श्लोक ही है।
भगवान बोलते है -
कुतस्त्वा कश्मलमिदं विषमे समुपस्थितां।
इस विषम परिस्थितियों में तुम्हारे ऐसे कायरतापूर्ण विचार है।
यदि अर्जुन के विचार गलत होते तो वह विषम परिस्थितियों की बात न करते।
यह दृष्टिकोण के खोखलेपन का विषय है।
ऐसे लोग जब सन्यासी बनेंगे तो पद के लिये लालायित रहेंगें, जब पद पर रहेंगें तो सन्यासी बनने के लिये।
गीता,मन कि परत खोलते हुये आगे बढ़ती है। जिससे एक स्थाई दृष्टिकोण विकसित हो। हम विषम से विषम परिस्थितियों में भी सहज रहे।।

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