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ये सऊदी प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान हैं....अब इन्होंने अपनी ज़िंदगी से मुहम्मद को पूरी तरह से निकाल दिया है, अभी तक ये सिर्फ अरबी ट्रेडिशनल कपड़े पहनते थे, अब उसे भी लात मार के आम इंसानों वाली ड्रेस पहनने लगा है।
इसने मक्का में मुहम्मद साहब की बेटी फातिमा की कब्र को तुड़वा के वहां टॉयलेट बनवा दिया था, गैर मुस्लिम टूरिस्टों के लिए!
इसी रमज़ान में इन्होंने मज्जिदों से लाउड स्पीकर, चंदा, सार्वजनिक नमाज इत्यादि पर भी प्रतिबंध लगा दिया था!!
UAE में अब खूब सारे हिन्दू मंदिर बन रहे हैं, जिनमे खुद अरबी शेख हिन्दू भगवानों की इबादत करते हुए दिखते हैं, अरबी शेख आपको जय श्री राम बोलते हुए भी दिख जाएंगे!!
क्यों??
ये ऐसा क्यों कर रहा है???
क्योंकि ये अरबी लोग मुहम्मद साहब की सच्चाई जानते हैं, और जानते हैं कि मुहम्मद साहब की राह पर चलते हुए कोई आगे नही बढ़ सकता.....
आज की थोड़ी सी सभ्य हुई दुनिया मे अगर कोई मुहम्मद साहब और उनके सहाबियों की राह पे चलेगा तो उसे सिर्फ फांसी, उम्र कैद या पुलिस/आर्मी की गोली ही मिलेगी!
ओसामा और बगदादी की तरह!!
ये बात हमारे देश के लोग क्यों नही समझ पाते???
क्योंकि उनको अरबी नही आती है.... साथ ही वो क़ुरान, हदीस और सीरत अपनी भाषा मे भी नही पढ़ते....उन्हें मुहम्मद साहब और इस्लाम के बारे में कुछ पता ही नही हैं!!
उनको आज भी ये फर्जी कहानी बताई जाती है कि "हमारे नबी के ऊपर एक यहूदी बुढ़िया कूड़ा फेंकती थी, फिर भी वो कभी उसके बारे में गलत नही सोचे, बल्कि बीमार होने पर उसकी मदद किये"
इसी लिए मैं बोलता हूं कि हमारे देश के मुसलमान भाइयों को भी क़ुरान, हदीस और सीरत हर दिन पढ़नी चाहिए!!
जैसे मुहम्मद बिन सलमान आज एक इंसान बन गया है....एक दिन आप लोग भी इंसान बन जाओगे!!
ये सऊदी प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान हैं....अब इन्होंने अपनी ज़िंदगी से मुहम्मद को पूरी तरह से निकाल दिया है, अभी तक ये सिर्फ अरबी ट्रेडिशनल कपड़े पहनते थे, अब उसे भी लात मार के आम इंसानों वाली ड्रेस पहनने लगा है।
इसने मक्का में मुहम्मद साहब की बेटी फातिमा की कब्र को तुड़वा के वहां टॉयलेट बनवा दिया था, गैर मुस्लिम टूरिस्टों के लिए!
इसी रमज़ान में इन्होंने मज्जिदों से लाउड स्पीकर, चंदा, सार्वजनिक नमाज इत्यादि पर भी प्रतिबंध लगा दिया था!!
UAE में अब खूब सारे हिन्दू मंदिर बन रहे हैं, जिनमे खुद अरबी शेख हिन्दू भगवानों की इबादत करते हुए दिखते हैं, अरबी शेख आपको जय श्री राम बोलते हुए भी दिख जाएंगे!!
क्यों??
ये ऐसा क्यों कर रहा है???
क्योंकि ये अरबी लोग मुहम्मद साहब की सच्चाई जानते हैं, और जानते हैं कि मुहम्मद साहब की राह पर चलते हुए कोई आगे नही बढ़ सकता.....
आज की थोड़ी सी सभ्य हुई दुनिया मे अगर कोई मुहम्मद साहब और उनके सहाबियों की राह पे चलेगा तो उसे सिर्फ फांसी, उम्र कैद या पुलिस/आर्मी की गोली ही मिलेगी!
ओसामा और बगदादी की तरह!!
ये बात हमारे देश के लोग क्यों नही समझ पाते???
क्योंकि उनको अरबी नही आती है.... साथ ही वो क़ुरान, हदीस और सीरत अपनी भाषा मे भी नही पढ़ते....उन्हें मुहम्मद साहब और इस्लाम के बारे में कुछ पता ही नही हैं!!
उनको आज भी ये फर्जी कहानी बताई जाती है कि "हमारे नबी के ऊपर एक यहूदी बुढ़िया कूड़ा फेंकती थी, फिर भी वो कभी उसके बारे में गलत नही सोचे, बल्कि बीमार होने पर उसकी मदद किये"
इसी लिए मैं बोलता हूं कि हमारे देश के मुसलमान भाइयों को भी क़ुरान, हदीस और सीरत हर दिन पढ़नी चाहिए!!
जैसे मुहम्मद बिन सलमान आज एक इंसान बन गया है....एक दिन आप लोग भी इंसान बन जाओगे!!
ये सऊदी प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान हैं....अब इन्होंने अपनी ज़िंदगी से मुहम्मद को पूरी तरह से निकाल दिया है, अभी तक ये सिर्फ अरबी ट्रेडिशनल कपड़े पहनते थे, अब उसे भी लात मार के आम इंसानों वाली ड्रेस पहनने लगा है।
इसने मक्का में मुहम्मद साहब की बेटी फातिमा की कब्र को तुड़वा के वहां टॉयलेट बनवा दिया था, गैर मुस्लिम टूरिस्टों के लिए!
इसी रमज़ान में इन्होंने मज्जिदों से लाउड स्पीकर, चंदा, सार्वजनिक नमाज इत्यादि पर भी प्रतिबंध लगा दिया था!!
UAE में अब खूब सारे हिन्दू मंदिर बन रहे हैं, जिनमे खुद अरबी शेख हिन्दू भगवानों की इबादत करते हुए दिखते हैं, अरबी शेख आपको जय श्री राम बोलते हुए भी दिख जाएंगे!!
क्यों??
ये ऐसा क्यों कर रहा है???
क्योंकि ये अरबी लोग मुहम्मद साहब की सच्चाई जानते हैं, और जानते हैं कि मुहम्मद साहब की राह पर चलते हुए कोई आगे नही बढ़ सकता.....
आज की थोड़ी सी सभ्य हुई दुनिया मे अगर कोई मुहम्मद साहब और उनके सहाबियों की राह पे चलेगा तो उसे सिर्फ फांसी, उम्र कैद या पुलिस/आर्मी की गोली ही मिलेगी!
ओसामा और बगदादी की तरह!!
ये बात हमारे देश के लोग क्यों नही समझ पाते???
क्योंकि उनको अरबी नही आती है.... साथ ही वो क़ुरान, हदीस और सीरत अपनी भाषा मे भी नही पढ़ते....उन्हें मुहम्मद साहब और इस्लाम के बारे में कुछ पता ही नही हैं!!
उनको आज भी ये फर्जी कहानी बताई जाती है कि "हमारे नबी के ऊपर एक यहूदी बुढ़िया कूड़ा फेंकती थी, फिर भी वो कभी उसके बारे में गलत नही सोचे, बल्कि बीमार होने पर उसकी मदद किये"
इसी लिए मैं बोलता हूं कि हमारे देश के मुसलमान भाइयों को भी क़ुरान, हदीस और सीरत हर दिन पढ़नी चाहिए!!
जैसे मुहम्मद बिन सलमान आज एक इंसान बन गया है....एक दिन आप लोग भी इंसान बन जाओगे!!
ये सऊदी प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान हैं....अब इन्होंने अपनी ज़िंदगी से मुहम्मद को पूरी तरह से निकाल दिया है, अभी तक ये सिर्फ अरबी ट्रेडिशनल कपड़े पहनते थे, अब उसे भी लात मार के आम इंसानों वाली ड्रेस पहनने लगा है।
इसने मक्का में मुहम्मद साहब की बेटी फातिमा की कब्र को तुड़वा के वहां टॉयलेट बनवा दिया था, गैर मुस्लिम टूरिस्टों के लिए!
इसी रमज़ान में इन्होंने मज्जिदों से लाउड स्पीकर, चंदा, सार्वजनिक नमाज इत्यादि पर भी प्रतिबंध लगा दिया था!!
UAE में अब खूब सारे हिन्दू मंदिर बन रहे हैं, जिनमे खुद अरबी शेख हिन्दू भगवानों की इबादत करते हुए दिखते हैं, अरबी शेख आपको जय श्री राम बोलते हुए भी दिख जाएंगे!!
क्यों??
ये ऐसा क्यों कर रहा है???
क्योंकि ये अरबी लोग मुहम्मद साहब की सच्चाई जानते हैं, और जानते हैं कि मुहम्मद साहब की राह पर चलते हुए कोई आगे नही बढ़ सकता.....
आज की थोड़ी सी सभ्य हुई दुनिया मे अगर कोई मुहम्मद साहब और उनके सहाबियों की राह पे चलेगा तो उसे सिर्फ फांसी, उम्र कैद या पुलिस/आर्मी की गोली ही मिलेगी!
ओसामा और बगदादी की तरह!!
ये बात हमारे देश के लोग क्यों नही समझ पाते???
क्योंकि उनको अरबी नही आती है.... साथ ही वो क़ुरान, हदीस और सीरत अपनी भाषा मे भी नही पढ़ते....उन्हें मुहम्मद साहब और इस्लाम के बारे में कुछ पता ही नही हैं!!
उनको आज भी ये फर्जी कहानी बताई जाती है कि "हमारे नबी के ऊपर एक यहूदी बुढ़िया कूड़ा फेंकती थी, फिर भी वो कभी उसके बारे में गलत नही सोचे, बल्कि बीमार होने पर उसकी मदद किये"
इसी लिए मैं बोलता हूं कि हमारे देश के मुसलमान भाइयों को भी क़ुरान, हदीस और सीरत हर दिन पढ़नी चाहिए!!
जैसे मुहम्मद बिन सलमान आज एक इंसान बन गया है....एक दिन आप लोग भी इंसान बन जाओगे!!
80 और 90 के दशक की शुरुआत में, कुछ ही घरों में टेलीविजन सेट खरीदने की क्षमता थी। यदि दूरदर्शन द्वारा कोई कार्यक्रम या खेल प्रसारित किया जाता था तो लोग एक स्थान पर एकत्रित होकर कार्यक्रम का आनंद उठाते थे। लोग एक जगह इकट्ठा होते थे, कोई भी फिल्म देखने के लिए, या वीसीआर, बजाते थे, और उस पल का आनंद लेते थे।
उस समय लग्जरी कम थी, लेकिन इंसानियत ज्यादा थी। सच में वो सुनहरे दिन बहुत याद आते हैं।