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शरद पूर्णिमा की रात को केरल के कासरगोड के अनंतपुरा झील के भगवान पद्मनाभ स्वामी मंदिर के तालाब में रहने वाली मगरमच्छ बबिया वैकुंठ धाम को प्रस्थान कर गई।।
बबिया लगभग 75 साल से उस तालाब में रह रही थी और वो शुद्ध शाकाहारी मगरमच्छ थी, जो केवल मंदिर का नैवेद्य (प्रसाद) ही खाती थी, उसे दिन में दो बार वही प्रसाद खिलाया जाता था।। वो तालाब में रहने वाली मछलियों को भी कभी नहीं खाती थी।।
और इतने समय तक मंदिर की रक्षा में प्रभु की सेवा करते हुए वो पावन शरद पूर्णिमा की रात में प्रभु के धाम को प्रस्थान कर गई।। प्रभु उसे अपने परम धाम में, अपने चरणों में स्थान प्रदान करें🙏
ॐ शान्ति शान्ति शान्ति🙏🚩🙏
#सत्य_सनातन #जयतु_सनातन?❤️