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रावण को पराक्रमी एवमं हीरो बनाने वालों थोड़ी शर्म करो और श्री वाल्मीकि रामायण पढ़ो।
भले ही वो ब्राह्मण था लेकिन ये मत भूलो के वो राक्षस भी था और राक्षस प्रवृति जब जागती है तो क्या देव क्या मानव और वैसे भी रावण में राक्षत्व ज्यादा था ना कि ब्रह्मत्व। रावण ने परस्त्री को नहीं छुआ यह पूरी तरह गलत है और दशहरा नज़दीक आते ही हर साल एक ही तरह का मैसेज कुछ धर्म द्रोहियों द्वारा समस्त सोशल मीडिया नेटवर्क में वायरल किया जाता है कुछ ब्राह्मणों द्वारा....."रावण में वासना थी तो संयम भी था, रावण में सीता के अपहरण की ताकत थी तो बिना सहमति परस्त्री को स्पर्श भी न करने का संकल्प भी था, सीता जीवित मिली, ये राम की ही ताकत थी पर सीता पवित्र मिली, ये रावण की भी मर्याद थी।”
ऐसे और भी अनगिनत मिलते जुलते आधारहीन मैसेजेस होते हैं पर जिन्होंने रामायण कभी पढ़ी नहीं, वो लग जाते हैं इस पूर्णतः बकवास को कॉपी पेस्ट कर समर्थन करने, कुछ तो रामानंद सागर द्वारा दिखाया गया सीरियल ही सच मान बैठते हैं और चाहे अनचाहे में ऐसे मैसेजेस पढ़ कर रावण जैसा नीच पापात्मा आपके द्वारा महात्मा बना दिया जाता है।
रावण एक बलात्कारी था.... वाल्मीकि रामायण, आरण्य कांड में अनेक श्लोकों में स्पष्ट वर्णन है कि माता सीता का अपहरण रावण ने काम के वशीभूत होकर किया था उसने माता सीता को हरण करने से पूर्व अनेकों बालाओं का बालात्कार किया था और हज़ारों स्त्रीयों का हरण किया था, वेदवती से छेड़खानी की थी, पुंजिकस्थला का बलात्कार किया था फिर अपनी बहू रंभा का बलात्कार किया तब नलकुबेर ने उसे शाप दिया कि बिना सहमति के अगर वह किसी भी स्त्री का बलात्कार करने की कोशिश भी करेगा तो उसके सिर के टुकड़े टुकड़े हो जाएंगे और उसी क्षण उसका विनाश हो जाएगा और इसी कारण वह माता सीता को नहीं छू पाया था।
अतः कृपया रामायण पढ़ें और विजयादशमी पर ऐसी झूठी कहानियां फैलाकर रावण जैसे दुष्ट राक्षस का महिमा मंडन न करें। ऐसा राक्षस न तो ब्राह्मण है न मूलनिवासी, वह मात्र एक कलंक है, जिसे हर युग में समय रहते मिटाना ही एक मात्र धर्म है अतः खुल कर रावण को जलाईए और अधर्म पर धर्म की जीत का पावन पर्व उत्साह के साथ मनाइए।
और हाँ....
सीता जीवित मिली, यह राम की ताकत थी।
और सीता पवित्र मिली, यह रावण की मजबूरी थी।

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😡😡 कट्टर हिंदू संत, बजरंग दल के कार्यकर्ता, आरएसएस और बीजेपी के कार्यकर्ता इन सब की हत्या करने के लिए इंटरनेशनल इस्लामिक प्लानिंग चल रही है सभी जागृत हो जाएं जिहादी मुसलमानों से इन को टारगेट बना कर हत्या करने की इंटरनेशनल प्लानिंग की जा रही है, जागो मेरे हिंदू भाइयों।

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चेन्नाकेशव मंदिर❣️

शिलालेखों में बेलूर को वेलापुरी भी कहा जाता है जो चेन्नाकेशव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।

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नाम तो बहुत सुना है कौनसा दरबार है बता नही पाओगे

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भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशलचन्द दशरथ नन्दनं ॥

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मैं मांग करता हूं आदिपुरुष फिल्म जल्द से जल्द बैन हो "रामायण" हमारी धार्मिक आस्था है कोई मज़ाक नहीं।
#bycottaadipurush

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जिला कांगड़ा के बैजनाथ में यह प्रसिद्ध मंदिर भगवान शंकर को अर्पित है। कहते हैं कि रावण ने वर्षों तक हिमालय पर भगवान शंकर की तपस्या कर लंका मांगी थी

कहते हैं यहां जब भी रावण दहन का प्रयास किया गया तब तब उस क्षेत्र में कोई ना कोई हानि होती रही है

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भारतीय संस्कृति
समयसूचक AM और PM का उदगम
भारत ही था। पर हमें बचपन से यह रटवाया गया, विश्वास दिलवाया गया कि इन दो शब्दों AM और PM का मतलब होता है :
AM : एंटी मेरिडियन (ante meridian)
PM : पोस्ट मेरिडियन (post meridian)
एंटी यानि पहले, लेकिन किसके?
पोस्ट यानि बाद में, लेकिन किसके?
यह कभी साफ नहीं किया गया, क्योंकि यह चुराये गये शब्द का लघुतम रूप था।
अध्ययन करने से ज्ञात हुआ और हमारी प्राचीन संस्कृत भाषा ने इस संशय को अपनी आंधियों में उड़ा दिया और अब, सब कुछ साफ-साफ दृष्टिगत है।
कैसे?
देखिये...
AM = आरोहनम् मार्तण्डस्य Aarohanam Martandasya
PM = पतनम् मार्तण्डस्य Patanam Martandasya
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सूर्य, जो कि हर आकाशीय गणना का मूल है, उसीको गौण कर दिया। अंग्रेजी के ये शब्द संस्कृत के उस 'मतलब' को नहीं इंगित करते जो कि वास्तव में है।
आरोहणम् मार्तण्डस्य Arohanam Martandasaya यानि सूर्य का आरोहण (चढ़ाव)।
पतनम् मार्तण्डस्य Patanam Martandasaya यानि सूर्य का ढलाव।
दिन के बारह बजे के पहले सूर्य चढ़ता रहता है - 'आरोहनम मार्तण्डस्य' (AM)।
बारह के बाद सूर्य का अवसान/ ढलाव होता है - 'पतनम मार्तण्डस्य' (PM)।
पश्चिम के प्रभाव में रमे हुए और पश्चिमी शिक्षा पाए कुछ लोगों को भ्रम हुआ कि समस्त वैज्ञानिकता पश्चिम जगत की देन है।

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