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1995 में अमेरिका में दो जुड़वा बच्चियों ब्रिएल और काईरी जैक्सन ने जन्म लिया, दोनों अंडर वेट थीं और दोनों को कई हफ़्ते तक इंक्युबेटर में रखा गया। कुछ हफ़्तों बाद दोनों बहनों में से एक काईरी का वजन तो बढ़ने लगा लेकिन ब्रिएल की स्थिति में कोई सुधार नहीं होता दिख रहा था।
फिर एक दिन ब्रिएल की स्थिति बहुत ख़राब होने लगी, उसकी हॉर्ट रेट एकदम कम हो गई, उसे साँस लेने में तकलीफ़ होने लगी, और उसका शरीर भी धीरे धीरे एकदम शांत होने लगा। अमेरिका के उस अस्पताल के डॉक्टरों ने हर सम्भव प्रयास किए लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ।
तभी एक नर्स के दिमाग़ में एक आयडिया आया, उसने डॉक्टर से पर्मिशन लेकर ब्रियेल की जुड़वां बहन काईरी को उसके पास उसके इंक्युबेटर में लाकर लिटा दिया। वहाँ लिटाने के बाद, काईरी ने अपनी बहन को छुआ, उसे हग किया, उसकी पीठ पर अपना हाथ रखा, और उसके बाद अचानक ब्रियल की स्थिति में सुधार आने लगा, उसका हॉर्ट रेट नॉर्मल होने लगा, उसकी साँस लेने की तकलीफ़ भी दूर हो गई, और फिर उसके बाद वो बच्ची थोड़े दिनों में एकदम स्वस्थ हो गई।
इस घटना के बाद आधुनिक चिकित्सा ने भी स्पर्श की ताक़त और उसके महत्व को जाना और स्वीकार किया।
ये तस्वीर पूरी दुनिया में “Embrace of Salvation” के नाम से फ़ेमस हुई।
एक प्यार भरा स्पर्श आपके अपनों की ज़िंदगी बदल सकता है, एक प्यार भरा स्पर्श आपके अपनों को ज़िंदगी से भर सकता है।
प्यार भरे स्पर्श में, दिल से दिए गए आशीर्वाद में और दिल से निकली आह में बहुत ताक़त होती है, ये निर्माण और विनाश का माद्दा रखते हैं।