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महेश भट्ट लिखित और कृष्णा भट्ट निर्देशित हॉरर मूवी '1920 हॉररर्स ऑफ द हार्ट' सिनेमाघरों में लोगों का दिल जीतने में कामयाब रही है. इसी खुशी में एक जश्न का आयोजन किया गया. जहां फिल्म की पूरी स्टार कास्ट मौजूद थी. विक्रम भट्ट अपनी बेटी की इस नईआ सफल पारी के लिए बहुत खुश हुए और काफी भावुक भी. विक्रम कहते हैं, 'कृष्णा की पहली फिल्म की इस नई सक्सेसफुल जर्नी के लिए मैं बहुत खुश हूं. उसकी लगन और मेहनत रंग लाई है. एक पिता होने के नाते मैं बहुत भावुक भी हो रहा हूं. जो एक स्टूडेंट की तरह मुझे देखकर सीखती थी. जिसने मुझे असिस्ट भी किया,आज उसकी पहली निर्देशि

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Wonderful !

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शिवलिंग पर चढाये जल को लाँघा नही जाता और शिवलिंग की परिक्रमा आधी की जाती है.
शिवलिंग पर अर्पित नैवेद्य भी नहीं खाया जाता उसे गऊ वंश को खिला दिया जाता है क्योंकि उनमें ही इसकी शक्ति को सहने की क्षमता होती है...!
भारत का रेडियोएक्टिविटी मैप उठा ले हैरान हो जायेंगे भारत सरकार के न्युक्लियर रियेक्टर के अलावा सभी ज्योतिर्लिंगो के स्थानों पर सबसे ज्यादा रेडियेशन पाया जाता है !
शिवलिंग ओर कुछ नहीं बल्कि न्युक्लियर रिएक्टर्स ही तो है तभी तो उस पर जल चढाया जाता है ताकि वो शांत रहे ,
महादेव के सभी प्रिय पदार्थ जैसे कि " बिल्वपत्र, आक, धतूरा, गुड़हल, आदि सभी न्युक्लियर एनर्जी सोखने वाले हैं,
शिवलिंग पर चढा पानी भी रिएक्टिव हो जाता है इसलिए तो जल निकासी नलिका को लाँघा नही जाता...
भाभा एटाॅमिक रिएक्टर का डिजाइन भी शिवलिंग की तरह ही है,
शिवलिंग पर चढाया जल नदी के बहते जल के साथ मिलकर औषधि का रूप ले लेता है,
तभी तो हमारे पूर्वज हम लोगों से कहते थे कि "महादेव शिवशंकर" अगर नाराज हो जायेंगे तो प्रलय आ जायेगी ,
ध्यान दें कि हमारी परम्पराओं के पीछे कितना गहन विज्ञान छिपा हुआ है !
जिस संस्कृति की कोख से हमनें जनम लिया वो तो चिर सनातन है ! विज्ञान को परम्पराओं का जामा इसलिए पहनाया गया ताकि वो प्रचलन बन जाए और हम भारतवासी सदा वैज्ञानिक जीवन जीते रहे...
आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में ऐसे महत्वपूर्ण शिव मंदिर है जो "केदारनाथ" से लेकर "रामेश्वरम" तक एक ही सीधी रेखा में बनाये गए हैं , आश्चर्य है कि हमारे पूर्वजो के पास ऐसा कैसा विज्ञान और तकनीक थी जिसे हम आज तक नहीं समझ पाये ? उत्तराखंड का "श्री केदारनाथ" तेलंगाना का "कालेश्वरम" आंध्रप्रदेश का "कालहस्ती" तमिलनाडु का "एकंबरेश्वर" चिदंबरम और अंततः "रामेश्वरम" मंदिरो को 79°E 41'54" Longitud की भोगोलिक सीधी रेखा में बनाया गया है !
यह सारे मंदिर प्रकृति के 5 तत्वों में लिंग की अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसे हम आम भाषा में पंचभूत कहते हैं, पंचभूत यानि पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, और अंतरिक्ष, इन्हीं पाँच तत्वों के आधार पर इन पाँच शिवलिगों को प्रतिष्ठापित किया गया है !
जल का प्रतिनिधित्व तिरूवनैकवल मंदिर में है ,आग का प्रतिनिधित्व तिरूवन्नमलई में है , हवा का प्रतिनिधित्व कालाहस्ती में है, पृथ्वी का प्रतिनिधित्व कांचीपुरम में है, और अंत में अंतरिक्ष का प्रतिनिधित्व चिदंबरम मंदिर में है, वास्तु -विज्ञान - वेद के अदभुत समागम को दर्शाते हैं ये पाँच मंदिर...!!
भौगोलिक रूप से भी इन मंदिरो में विशेषता पाई जाती है, इन पाँच मंदिरो को योग विज्ञान के अनुसार बनाया गया था और एक दूसरे के साथ एक निश्चित भौगोलिक संरेखण में रखा गया है, इस के पीछे निश्चित ही कोई विज्ञान होगा जो मनुष्य के शरीर पर प्रभाव करता होगा !
इन मंदिरो का करीब पाँच हजार वर्ष पूर्व निर्माण किया गया था जब उन स्थानों के अक्षांश और देशांतर को मापने के लिए कोई उपग्रह तकनीक उपलब्ध ही नहीं था तो फिर कैसे इतने सटीक रूप से पाँच मंदिरो को प्रतिष्ठापित किया गया था ? उत्तर भगवान ही जाने ...!
केदारनाथ और रामेश्वरम के बीच 2383 किमी की दूरी है लेकिन ये सारे मंदिर लगभग एक ही समानांतर रेखा में पडते हैं ! आखिर हजारों वर्ष पूर्व किस तकनीक का उपयोग कर इन मंदिरो को समानांतर रेखा में बनाया गया है यह आज तक रहस्य ही है . श्रीकालहस्ती मंदिर में टिमटिमाते दीपक से पता चलता है वह "वायु लिंग" है तिरूवन्निका मंदिर के अंदरुनी पठार में जल बसंत से पता चलता है कि यह "जल लिंग" है . अन्नामलाई पहाडी पर विशाल दीपक से पता चलता है कि वह "अग्नि लिंग" है . कांचीपुरम के रेत के स्वयंभू लिंग से पता चलता है कि वह "पृथ्वी लिंग" है . और चिदंबरम की निराकार अवस्था से भगवान की निराकारता यानि "आकाश तत्व" का पता चलता है !
अब यह आश्चर्य की बात नहीं तो और क्या है कि ब्रह्मांड के पाँच तत्वों का प्रतिनिधित्व करने वाले पाँच लिगों को एक समान रेखा में सदियों पूर्व ही प्रतिष्ठापित किया गया है ! हमें हमारे पूर्वजो के ज्ञान और बुद्धिमत्ता पर गर्व होना चाहिए कि उनके पास ऐसी विज्ञान और तकनीक थी जिसे आधुनिक विज्ञान भी नहीं भेद पाया है, माना जाता है कि केवल यह पाँच मंदिर ही नहीं अपितु इसी रेखा में अनेक मंदिर होंगे जो "केदारनाथ" से "रामेश्वरम" तक सीधी रेखा में पडते हैं, इस रेखा को "शिवशक्ति अक्श रेखा" भी कहा जाता है ! संभवतया यह सारे मंदिर "कैलाश" को ध्यान में रखते हुए बनाये गये हो जो 81.3119° E में पडता है !? उत्तर शिवजी ही जाने...!
कमाल की बात "महाकाल" से "शिव ज्योतिर्लिंगों के बीच कैसा संबंध है......??
🔱 उज्जैन से शेष ज्योतिर्लिगों की दूरी भी है रोचक
👇👇👇
उज्जैन से सोमनाथ - 777 किमी
उज्जैन से ओंकारेश्वर - 111 किमी
उज्जैन से भीमाशंकर - 666 किमी
उज्जैन से काशी विश्वनाथ - 999 किमी
उज्जैन से मल्लिकार्जुन - 999 किमी
उज्जैन से केदारनाथ - 888 किमी
उज्जैन से त्रयंबकेश्वर - 555 किमी
उज्जैन से बैजनाथ - 999 किमी
उज्जैन से रामेश्वरम - 1999 किमी
उज्जैन से घृष्णेश्वर -555 किमी

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OMG 2 : सावन के एक दिन पहले 'शिव' बने अक्षय कुमार, पोस्टर देख यूजर्स हुए चौकन्ना, बोले- बस मजाक मत बना देना
मुम्बई 3 जुलाई । अक्षय कुमार बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेताओं में शुमार हैं. उन्होंने बॉलीवुड में कई फिल्में कीं, जो बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा चुकी हैं, हालांकि बीते 3 साल से अक्षय कुमार का बुरा हाल है.
बॉक्स ऑफिस पर भले ही उनकी फिल्में लगातार रिलीज हो रही हैं लेकिन अफसोस ये है कि उनकी सारी फिल्में डिजास्टर साबित हुईं. हालांकि उनके फैंस फिरभी उनसे एक हीट की उमींद लगाए बैठे हैं.
इसी बीच अक्षय ने अपनी मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘ओह माई गॉड 2’ (OMG 2) को लेकर अपडेट शेयर किया है. इसके साथ ही उन्होंने फिल्म का एक नया पोस्टर शेयर किया है, जिसमें वह भगवान शिव के रूप में नजर आ रहे हैं. फिल्म का पोस्टर सामने आते ही सोशल मीडिया पर छा गया है.
अक्षय कुमार ने ‘ओएमजी 2’ का पोस्टर शेयर करते हुए लिखा, “बस कुछ दिनों में..ओएमजी 2, 11 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.. टीजर भी जल्द ही रिलीज होगा.” पोस्टर में अक्षय के लुक की बात करें तो अपने लुक में काफी शानदार लग रहे हैं. लंबी जटाओं, गले में भस्म और रुद्राक्ष की माला पहने अक्षय ‘शिव’ अवतार में गजब लग रहे हैं.
बता दें कि अक्षय ने अपने लुक के साथ ही पंकज त्रिपाठी का पोस्टर भी शेयर किया है, जिसमें पंकज माथे पर तिलक लगाए और हाथों को जोड़े दिखाई दे रहे हैं. इस तस्वीर को शेयर करते हुए अक्षय कुमार ने कैप्शन में लिखा, “मिलते हैं सच्चाई की राह पर.”
अक्षय कुमार के इन दोनों ही पोस्ट पर यूजर्स कमेंट कर उन्हें प्यार दे रहे हैं और फिल्म के प्रति अपनी बेताबी भी बता रहे हैं. हालांकि कुछ यूजर्स के अलग-अलग तरह के रिएक्शन भी दे रहे हैं. यूजर्स उन्हें वार्निंग देते हुए लिख रहे हैं कि सावन के महीने में भगवान शिव के साथ कोई मजाक मत करना, नहीं तो काफी महंगा पड़ जाएगा.
वहीं कुछ यूजर्स फिल्म आदिपुरुष देखने के बाद ‘ओएमजी 2’ को लेकर अपनी चिंता भी शेयर कर रहे हैं. एक यूजर ने अक्षय कुमार को चेतावनी देते हुए लिखा, “उम्मीद है कि हिंदू धर्म का मजाक ना बनाएंगे आप मूवी में. वहीं दूसरे यूजर ने लिखा है, ‘हिंदू भगवानों का अपमान करने की जुर्रत भी मत करना.. यूजलेस बॉलीवुड.’
‘ओह माई गॉड 2’ (OMG 2) में अक्षय-पंकज त्रिपाठी, यामी गौतम और अरुण गोविल भी लीड रोल में हैं. इस फिल्म में एक्टर अक्षय कुमार भगवान शिव का किरदार निभाते नजर आएंगे. फिल्म लंबे वक्त से खबरों में है. वहीं फैंस बेहद बेताबी के साथ इसका इंतजार कर रहे हैं.

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