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सावन सोमवार, या सावन महीने के दौरान आने वाले सोमवार बेहद पवित्र और शुभ होते हैं। भगवान शिव के भक्त कठोर उपवास करते हैं, जिसे सावन सोमवार व्रत के रूप में जाना जाता है, जहाँ वे कोई भी भोजन या अन्य अनाज खाने से परहेज करते हैं, और स्वास्थ्य, समृद्धि और ज्ञान के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद मांगते हैं।श्रावण का सम्पूर्ण मास मनुष्यों में ही नही अपितु पशु पक्षियों में भी एक नव चेतना का संचार करता है जब प्रकृति अपने पुरे यौवन पर होती है और रिमझिम फुहारे साधारण व्यक्ति को भी कवि हृदय बना देती है।
सावन में मौसम का परिवर्तन होने लगता है। प्रकृति हरियाली और फूलो से धरती का श्रुंगार देती है
परन्तु धार्मिक परिदृश्य से सावन मास भगवान शिव को ही समर्पित रहता है।मान्यता है कि शिव आराधना से इस मास में विशेष फल प्राप्त होता है। इस महीने में हमारे सभी ज्योतिर्लिंगों की विशेष पूजा ,अर्चना और अनुष्ठान की बड़ी प्राचीन एवं पौराणिक परम्परा रही है।
रुद्राभिषेक के साथ साथ महामृत्युंजय का पाठ तथा काल सर्प दोष निवारण की विशेष पूजा का महत्वपूर्ण समय रहता है।
यह वह मास है जब कहा जाता है जो मांगोगे वही मिलेगा।भोलेनाथ सबका भला करते है।
श्रावण महीने में हर सोमवार को शिवजी का व्रत या उपवास रखा जाता है। श्रावण मास में पुरे माह भी व्रत रखा जाता है।
@ हर हर महादेव