Discover postsExplore captivating content and diverse perspectives on our Discover page. Uncover fresh ideas and engage in meaningful conversations
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में रेप के बाद हुई हत्या के मामलें में न्याय के लिए प्रोटेस्ट मार्च का नेतृत्व किया!
क्या बीजेपी शासित राज्यों के किसी मुख्यमंत्री में इतनी हिम्मत और उनके मन में पीड़ित परिजनों के प्रति इतनी तक़लीफ़ है कि वो भी अपने राज्य में हुई बलात्कार की घटना का विरोध कर सकें?
रेप कोलकाता में हुआ, देश में हाहाकार है , होना भी चाहिए .. मगर हमारे बिहार में तो रोज रेप और गैंग - रेप हो रहा , चंद लोगों को छोड़ कर कोई कुछ नहीं बोल रहा , दुःख की बात तो ये है कि अपने बिहार के लोग भी कोलकाता की घटना पर खूब बोल रहे हैं मगर अपने बिहार की घटनाओं से मुँह फेर रहे हैं ...
कोलकाता बलात्कार - कांड पर जो लोग ज्यादा बोल रहे हैं , उनको हुए बलात्कार व् बलात्कार के पश्चात् हुई हत्या का दुःख नहीं , अपितु दुःख ममता बनर्जी से है , पीड़ा बंगाल में बलवाईयों की जमात की हुई दो लगातार शिकस्त की है ..
बलात्कार व् बलात्कार पीड़िता के लिए अगर दर्द होता, तो ये लोग देश में रोज हो रही अनगिनत बलात्कार व् बलात्कार के पश्चात् हत्या की घटनाओं पर भी बोलते .. बलात्कार की हरेक घटना पर विरोध के पैमाने का एक समान नहीं होना ही ये दर्शाता है कि दर्द की असली वजह क्या है ..!!
डॉक्टर का कर्तव्य जान बचाना होता है , जान के बदले जान लेना नहीं ..
बलात्कार के पश्चात् हत्या की जघन्य वारदात हुई , आरोपी को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार भी किया , मामले से जुड़े अन्य पहलूओं की सीबीआई जाँच भी जारी है , उम्मीद है जल्द ही सब सामने आएगा और त्वरित न्याय भी होगा , लेकिन एक बात समझ से परे है "देश भर के डॉक्टर्स चार दिनों से हड़ताल पर क्यूँ हैं ? क्या हड़ताल पर जाने से जाँच व् न्याय की प्रक्रिया में कोई बड़ा बदलाव हो जाएगा ? " .. डॉक्टरों की हड़ताल का सबसे दुःखद पहलू तो ये है कि देश भर में लाखों की संख्या में मरीज इलाज से वंचित हो रहे हैं , सैंकड़ों - हजारों गंभीर रूप से बीमार लोग या तो मरने को मजबूर हैं या मौत की कगार पर हैं .. हड़ताली डॉक्टरों से ये पूछा जाना चाहिए कि " एक मौत के लिए इंसाफ मांगने / पाने की ये कैसी मुहिम है जिसमें आप खुद हजारों को मौत के मुँह में धकेल रहे हैं ? डॉक्टर का कर्तव्य - काम जान बचाना होता है , जान के बदले जान लेना नहीं .. हो सकता है कि डॉक्टरों के लिए कोलकाता में परिस्थितियां काम करने के लिहाज से दुरह हों, मगर देश के अन्य जगहों पर जारी हड़ताल कैसे जायज है ?