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यह बंद दुकान दीनानाथ की है जो इंडिया और पाकिस्तान के के बनने के वक़्त बहुत अफसोस के साथ यह दुकान छोड़कर हिंदुस्तान चला गया लेकिन जाते वक्त बहुत रोया और गाँव के लोगों को यह दिलासा दिलाया कि मैं वापिस आप लोगों के पास लौट आऊँगा।
लोरा लाई में मौजूद अभी तक वही ताला लगा है जो दुकानदार जाते वक्त लगाकर चाबी अपने साथ ले गया था।
73 साल से यह दुकान बंद पड़ी है। मकान मालिक अब जो इस दुनियाँ में नही रहा , अपने बच्चों से वसीयत की थी कि इस दुकान का ताला तोड़ना नही। मैंने उस दुकानदार को जबान दी है कि यह दुकान तुम्हारे आने तक बन्द रहेगी।
मकान मालिक के औलादों ने आज तक उस ताले को हाथ तक नही लगाते।
हालाँकि उन्हें मालूम है की दुकानदार इस दुनियाँ में नही रहा लेकिन वफ़ा के यादगार के तौर पर अब तक यह दुकान दो इंसानों के बीच यादगार का अलामत है।
यह खबर मकामी और विदेशी मीडिया में बहुत जोरों से वाइरल हो रही है।