image

image
Iron Max ME Gummies Yeni makale yazdı
2 yıl - çevirmek

Iron Max ME Gummies : Iron Max Health ME Gummies! Iron Max ME Gummies Reviews! Iron Max Health Male Enhancement Gummies | #iron Max Health ME Gummies

Iron Max ME Gummies : Iron Max Health ME Gummies! Iron Max ME Gummies Reviews! Iron Max Health Male Enhancement Gummies

Iron Max ME Gummies : Iron Max Health ME Gummies! Iron Max ME Gummies Reviews! Iron Max Health Male Enhancement Gummies

>>Visit Official Websites To Buy Iron Max ME Gummies:-

https://www.lustydiets.com/iron-max-me-gummies/
https://www.webpressglobal.com/marketplace/iron-max-me-gummies-ironmax-health-male-enhancement-gummy/
https://sites.google.com/view/ironmaxmegummiesironmaxhealthm/h
2 yıl - çevirmek

PANEN138: Daftar Slot88 Situs Judi Slot Online Terpercaya 2023

Slot online merupakan permainan dari mesin slot yang sangat populer dan bisa menghasilkan uang asli. Click here https://ofhorse.com/ to know more details.
#[4838]
#judionline

image

image
2 yıl - çevirmek

हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी ,
पहला चरण - कैंची
दूसरा चरण - डंडा
तीसरा चरण - गद्दी ...
*तब साइकिल की ऊंचाई 24 इंच हुआ करती थी जो खड़े होने पर हमारे कंधे के बराबर आती थी ऐसी साइकिल से गद्दी चलाना मुनासिब नहीं होता था।*
*"कैंची" वो कला होती थी जहां हम साइकिल के फ़्रेम में बने त्रिकोण के बीच घुस कर दोनो पैरों को दोनो पैडल पर रख कर चलाते थे*।
और जब हम ऐसे चलाते थे तो अपना सीना तान कर टेढ़ा होकर हैंडिल के पीछे से चेहरा बाहर निकाल लेते थे, और *"क्लींङ क्लींङ" करके घंटी इसलिए बजाते थे ताकी लोग बाग़ देख सकें की लड़का साईकिल दौड़ा रहा है* ।
*आज की पीढ़ी इस "एडवेंचर" से महरूम है उन्हे नही पता की आठ दस साल की उमर में 24 इंच की साइकिल चलाना "जहाज" उड़ाने जैसा होता था*।
हमने ना जाने कितने दफे अपने *घुटने और मुंह तोड़वाए है* और गज़ब की बात ये है कि *तब दर्द भी नही होता था,* गिरने के बाद चारो तरफ देख कर चुपचाप खड़े हो जाते थे अपना हाफ कच्छा पोंछते हुए।
अब तकनीकी ने बहुत तरक्क़ी कर ली है पांच साल के होते ही बच्चे साइकिल चलाने लगते हैं वो भी बिना गिरे। दो दो फिट की साइकिल आ गयी है, और *अमीरों के बच्चे तो अब सीधे गाड़ी चलाते हैं छोटी छोटी बाइक उपलब्ध हैं बाज़ार में* ।
मगर आज के बच्चे कभी नहीं समझ पाएंगे कि उस छोटी सी उम्र में बड़ी साइकिल पर संतुलन बनाना जीवन की पहली सीख होती थी! *"जिम्मेदारियों" की पहली कड़ी होती थी जहां आपको यह जिम्मेदारी दे दी जाती थी कि अब आप गेहूं पिसाने लायक हो गये हैं* ।
*इधर से चक्की तक साइकिल ढुगराते हुए जाइए और उधर से कैंची चलाते हुए घर वापस आइए* !
और यकीन मानिए इस जिम्मेदारी को निभाने में खुशियां भी बड़ी गजब की होती थी।
और ये भी सच है की *हमारे बाद "कैंची" प्रथा विलुप्त हो गयी* ।
हम लोग की दुनिया की आखिरी पीढ़ी हैं जिसने साइकिल चलाना तीन चरणों में सीखा !
*पहला चरण कैंची*
*दूसरा चरण डंडा*
*तीसरा चरण गद्दी।*
● *हम वो आखरी पीढ़ी हैं*, जिन्होंने कई-कई बार मिटटी के घरों में बैठ कर परियों और राजाओं की कहानियां सुनीं, जमीन पर बैठ कर खाना खाया है, प्लेट में चाय पी है।
● *हम वो आखरी लोग हैं*, जिन्होंने बचपन में मोहल्ले के मैदानों में अपने दोस्तों के साथ पम्परागत खेल, गिल्ली-डंडा, छुपा-छिपी, खो-खो, कबड्डी, कंचे जैसे खेल खेले हैं l

image

image

image
2 yıl - çevirmek

My great grandmother 🥰

image
2 yıl - çevirmek

पंजाब के बठिंडा शहर में स्थित 'किला मुबारक' को भारत का सबसे पुराना किला माना जाता है, जिसे सम्राट कनिष्क और राजा देब ने मिलकर 90-110 ई. में बनवाया था।
कहते हैं कि यहां पर भारत की सबसे पहली महिला शासक रज़िया सुल्तान को बंदी बनाकर रखा गया था; इसी वजह से इसको 'रज़िया सुल्तान किला' के नाम से भी जाना जाता है।
आज मुबारक किले की ऊंचाई तक़रीबन 118 फीट है। इसके अंदर के हिस्से, 'अंदरून' में 13 शाही कमरे हैं। किले का परिसर, शहर के बीच लगभग 10 एकड़ की ज़मीन पर फैला हुआ है। इसके अलावा, यहाँ एक प्राचीन मेहमान घर और एक हॉल है। दरबार हॉल में चित्रकारी के खूबसूरत नमूने और राजा-महाराजाओं के ज़माने में बनी तस्वीरें देखी जा सकती हैं।
अगर आप कभी बठिंडा जाएं, तो भारत के इतिहास की खूबसूरती देखने इस किले में ज़रुर जाइएगा!

image