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2 yrs - Translate
कैंसर - बीमारी नहीं बिजनेस )*
*☝🏼जानें चौंकाने वाला सच कैंसर के बारे में :- एक बार अवश्य पूरा पढे **⬇**** और पॉस्ट करे...
भले ही आपको इस बात पर यकीन न हो रहा हो...
लेकिन,
यह पूरी जानकारी पढ़ने के बाद -
आप भी यही कहेंगे कि -
*कैंसर कोई बीमारी नहीं...*
*बल्कि,*
*चिकित्सा जगत में पैसा कमाने का साधन मात्र है।*
पिछले कुछ सालों में -
कैंसर को एक तेजी से बढ़ती बीमारी के रूप में प्रचारित किया गया।
जिसके -ईलाज के लिए -
कीमोथैरेपी, सर्जरी या और उपायों को अपनाया जाता है,
जो महंगे होने के साथ-साथ...
मरीज के लिए उतने ही खतरनाक भी होते हैं।
*लेकिन,*
*अगर हम कहें कि -*
*कैंसर जैसी कोई बीमारी है ही नहीं तो ?*
जी हां...
*यह बात बिल्कुल सच है कि -*
*कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि को स्वास्थ्य जगत में -*
*कैंसर का नाम दिया गया है...*
*और,*
*इससे अच्छी खासी कमाई भी की जाती है।*
लेकिन,
इस विषय पर लिखी गई एक किताब -
*वर्ल्ड विदाउट कैंसर*
जो कि कैंसर से बचाव के हर पहलू को इंगित करती है...
और,
अब तक विश्व की कई भाषाओं में ट्रांसलेट की जा चुकी है !
*इस किताब का दावा है कि -*
*कैंसर कोई बीमारी नहीं...*
*बल्कि,*
शरीर में विटामिन *बी17* की कमी होना है।
*आपको यह बात जरूर जान लेना चाहिए कि -*
*कैंसर नाम की कोई बीमारी है ही नहीं...*
*बल्कि,*
*यह शरीर में विटामिन बी17 की कमी से ज्यादा कुछ भी नहीं है।*
*इस कमी को ही कैंसर का नाम देकर...*
*चिकित्सा के क्षेत्र में एक व्यवसाय के रूप में स्थापित कर लिया गया है।*
*जिसका फायदा मरीज को कम...*
*और,*
*चिकित्सकों को अधिक होता है।*
*चूंकि,*
*कैंसर मात्र शरीर में किसी विटामिन की कमी है...*
*तो -*
*इसकी पूर्ति करके इसे कम किया जा सकता है...*
*और,*
*इससे बचा जा सकता है।*
यह उसी तरह का मसला है -
जैसे सालों पहले 'स्कर्वी' रोग से कई लोगों की मौते होती थी...
लेकिन,
बाद में खोज में यह सामने आया कि -
यह कोई रोग नहीं...
बल्कि,
विटामिन सी की कमी या अपर्याप्तता थी।
*कैंसर को लेकर भी कुछ ऐसा ही है।*
*विटामिन बी 17 की कमी को कैंसर का नाम दिया गया है..*
*लेकिन,*
*इससे डरने या मानसिक संतुलन खोने की जरूरत नहीं है।*
बल्कि,
आपको इसकी स्थिति को समझना होगा...
और,
*उसके अनुसार -*
इसके वैकल्पिक उपायों को अपनाना होगा।
इस कमी को पूरा करने के लिए-
*फ्रूट स्टोन, खूबानी, सेब, पीच, नाशपाती, फलियां, अंकुरित दाल व अनाज, मसूर के साथ ही बादाम विटामिन बी 17 का बेहतरीन स्त्रोत है।*
*आप कैंसर से यानि इस विटामिन की कमी से होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं।*
चिकित्सा:-केंसर में सर्वश्रेष्ठ पंचगव्य चिकित्सा गौमाता के पांच गव्यों दूध दही गोबर,गौमुत्र, गौतक्र आदि से कैंसर जैसे रोग पर काबू पाया जा सकता है
रोज 45 मिनिट योगा करे।
खासकर कपालभाति।
कपालभाति से शरीर के किसी भी हिस्से में हुए गठान या कैंसर को खत्म किया जा सकता है।

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2 yrs - Translate

सनातन धर्म में सोमरस का आशय मदिरा नही है ना ही सोमरस नशीला पदार्थ है,,,
"देवता शराब नही पीते थे"
सोमरस सोम के पौधे से प्राप्त था , आज सोम का पौधा लगभग विलुप्त है ,
शराब पीने को सुरापान कहा जाता था , सुरापान असुर करते थे , ऋग्वेद में सुरापान को घृणा के तौर पर देखा गया है ,
टीवी सीरियल्स ने भगवान इंद्र को अप्सराओं से घिरा दिखाया जाता है और वो सब सोमरस पीते रहते हैं , जिसे सामान्य जनता शराब समझती है ,
सोमरस , सोम नाम की जड़ीबूटी थी जिसमे दूध और दही मिलाकर ग्रहण किया जाता था , इससे व्यक्ति बलशाली और बुद्धिमान बनता था ,
जब यज्ञ होते थे तो सबसे पहले अग्नि को आहुति सोमरस से दी जाती थी ,
ऋग्वेद में सोमरस पान के लिए अग्नि और इंद्र का सैकड़ो बार आह्वान किया गया है ,
आप जिस इंद्र को सोचकर अपने मन मे टीवी सीरियल की छवि बनाते हैं वास्तविक रूप से वैसा कुछ नही था ,
जब वेदों की रचना की गयी तो अग्नि देवता , इंद्र देवता , रुद्र देवता आदि इन्ही सब का महत्व लिखा गया है ,
मन मे वहम मत पालिये ,
आज का चरणामृत/पंचामृत सोमरस की तर्ज पर ही बनाया जाता है बस प्रकृति ने सोम जड़ीबूटी हमसे छीन ली
तो एक बात दिमाग मे बैठा लीजिये , सोमरस नशा करने की चीज नही थी ,
आपको सोमरस का गलत अर्थ पता है अगर आप उसे शराब समझते हैं।
शराब को शराब कहिए सोमरस नहीं ।
सोमरस का अपमान मत करिए , सोमरस उस समय का चरणामृत/पंचामृत था

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