image

image
3 yrs - Translate - Facebook

सीएम मान ने विधान सभा में बताई एक-एक बात, सुनिए कैसे बदलेगा पंजाब, क्या-क्या बदलाव हो रहे हैं, सुनिए एक-एक बात
https://fb.watch/dWFx9ZTXGb/

image
3 yrs - Translate

फेसबुक मित्र के साथ लिव इन में आगरा रह रही फ़ैशन ब्लागर रितिका सिंह के इंस्टाग्राम पर 44 हजार से ज्यादा फॉलोअर हैं।
आगरा में रितिका सिंह की हत्या के बाद पति आकाश गिरफ्तार। हत्या के बाद जब पोस्टमार्टम के बाद शव बाहर निकाला गया तो अस्पताल परिसर में कुछ घंटों तक इसी तरह पड़ा रहा। थोड़ी दूर सिर्फ उनके मां-बाप रो रहे थे। जीवन का एक मात्र सच यह ही है।
ये हकीकत है आपके कितने भी फ़ालोवर हो आखिर में घर के लोग ही काम आते है। परिवार और अपनी जड़ से जुड़े रहे ये सोशल मीडिया मात्र दिवास्वप्न है। सोशल मीडिया का छद्म जीवन और आपके वास्तविक जीवन में एक बारीक सा फर्क है जो बहुतों को समझ नहीं आता और वो सोशल साइट्स पर अपना जीवन खोजने लगते हैं जबकि वास्तविक स्थिति जिंदगी में ठीक इसके 180° विपरीत होती है।

image
3 yrs - Translate

फेसबुक मित्र के साथ लिव इन में आगरा रह रही फ़ैशन ब्लागर रितिका सिंह के इंस्टाग्राम पर 44 हजार से ज्यादा फॉलोअर हैं।
आगरा में रितिका सिंह की हत्या के बाद पति आकाश गिरफ्तार। हत्या के बाद जब पोस्टमार्टम के बाद शव बाहर निकाला गया तो अस्पताल परिसर में कुछ घंटों तक इसी तरह पड़ा रहा। थोड़ी दूर सिर्फ उनके मां-बाप रो रहे थे। जीवन का एक मात्र सच यह ही है।
ये हकीकत है आपके कितने भी फ़ालोवर हो आखिर में घर के लोग ही काम आते है। परिवार और अपनी जड़ से जुड़े रहे ये सोशल मीडिया मात्र दिवास्वप्न है। सोशल मीडिया का छद्म जीवन और आपके वास्तविक जीवन में एक बारीक सा फर्क है जो बहुतों को समझ नहीं आता और वो सोशल साइट्स पर अपना जीवन खोजने लगते हैं जबकि वास्तविक स्थिति जिंदगी में ठीक इसके 180° विपरीत होती है।

image
3 yrs - Translate

फेसबुक मित्र के साथ लिव इन में आगरा रह रही फ़ैशन ब्लागर रितिका सिंह के इंस्टाग्राम पर 44 हजार से ज्यादा फॉलोअर हैं।
आगरा में रितिका सिंह की हत्या के बाद पति आकाश गिरफ्तार। हत्या के बाद जब पोस्टमार्टम के बाद शव बाहर निकाला गया तो अस्पताल परिसर में कुछ घंटों तक इसी तरह पड़ा रहा। थोड़ी दूर सिर्फ उनके मां-बाप रो रहे थे। जीवन का एक मात्र सच यह ही है।
ये हकीकत है आपके कितने भी फ़ालोवर हो आखिर में घर के लोग ही काम आते है। परिवार और अपनी जड़ से जुड़े रहे ये सोशल मीडिया मात्र दिवास्वप्न है। सोशल मीडिया का छद्म जीवन और आपके वास्तविक जीवन में एक बारीक सा फर्क है जो बहुतों को समझ नहीं आता और वो सोशल साइट्स पर अपना जीवन खोजने लगते हैं जबकि वास्तविक स्थिति जिंदगी में ठीक इसके 180° विपरीत होती है।

imageimage

image

image

image