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इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2023 सीज़न का रोमांच जारी है, लेकिन इसी बीच दर्शकों के लिए एक वॉर्निंग जारी की गई है. दरअसल, 'पेटीएम इनसाइडर' चेन्नई सुपर किंग्स, दिल्ली कैपिटल्स, गुजरात टाइटन्स, लखनऊ सुपर जायंट्स, सनराइजर्स हैदराबाद, राजस्थान रॉयल्स और पंजाब किंग्स फ्रेंचाइज़ी का टिकट पार्टनर है. ऐसे में उसने कुछ 'प्रतिबंधित सामानों' की सूची जारी की है.
इसी के तहत ये भी बताया गया है कि दर्शकों को नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण से जुड़े किसी भी प्रकार के बैनर स्टेडियम में ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यह सलाह दिल्ली, मोहाली, हैदराबाद और अहमदाबाद में होने वाले मैचों के लिए ही हैं. नियम के उल्लंघन पर सख्त एक्शन हो सकता है.
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हनुमान जी ने सिद्ध किया राम से बड़ा राम का नाम"
कहा जाता है कि जब श्री #राम अयोध्या के राजा बने तो उन की सभा में बहस हुई की राम बडे़ या फिर राम का नाम बड़ा.
नारद जी कहते थे कि" राम का नाम बड़ा" और बाकी सभी सभा जन कहते थे कि" राम बड़े " अपने वचन को सिद्ध करने के लिए नारद जी ने एक युक्ति लगाई . जब हनुमान जी सभा में आए उन्होंने हनुमान जी को सभी ऋषि-मुनियों को प्रणाम करने के लिए कहा लेकिन महाराज जी विश्वामित्र के बारे में उन्हें कुछ नहीं बताया इसलिए उन्होंने प्रणाम नहीं किया.
उधर विश्वामित्र जी को जाकर बोल दिया, "हनुमान ने आपको प्रणाम नहीं किया. उन्होंने आपका अपमान किया है." विश्वामित्र जी ने श्री राम से कहा कि हनुमान ने मेरा अपमान किया है. इसे मृत्यु दंड दे दो.
जब हनुमान जी को पता लगा कि श्री राम जी उन्हें मृत्यु दंड देने वाले हैं तो वह एक पेड़ के नीचे जाकर बैठ गए. और राम राम की धुन जपने लगे. राम नाम रटते रटते उनका ध्यान लग गया.
जब #श्रीराम जी वहां पहुंचे तो उन्होंने हनुमान जी पर बहुत से तीर चलाए पर हनुमान जी का एक बाल भी बांका नहीं हुआ. लेकिन अपने गुरु की आज्ञा को पूरा करने के लिए राम जी ने उन पर ब्रह्मास्त्र भी चलाया लेकिन वह भी विफल हो गया.
ऐसा इस लिए हुआ क्योंकि हनुमान जी लगातार राम राम जप रहे थे. ऋषि विशिष्ट ने फिर ऋषि विश्वामित्र से कहा कि आप राम को इस धर्म संकट से निकाल दो.हनुमान राम राम रट रहे हैं. इसलिए हनुमान का एक बाल भी बांका नहीं हो रहा .
उधर श्री राम अपने गुरु की आज्ञा पूरी ना कर पाने के कारण परेशान थे . फिर विश्वामित्र ने श्री राम को अपने वचन से मुक्त कर दिया .फिर नारद जी ने बताया कि हनुमान नेेे ऋषि विश्वामित्र का अपमान नहीं किया .
मैंने जानबूझ कर उन्हें ऋषि विश्वामित्र के बारे में बताया ही नहीं था .क्योंकि मैं सिद्ध करना चाहता था कि राम से बड़ा राम का नाम है ,और इस बात को राम भक्त हनुमान से बढ़कर और कौन सिद्ध सकता है. जो राम नाम जपते हैं उनका कोई बुरा नहीं कर सकता.उस दिन सिद्ध हो गया राम से बड़ा राम का नाम है.
🙏🌹"जय सियाराम जी,जय हनुमान जी"🌹🙏
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