युवतियों की समस्या और समाधान
मेरे पास लोग अक्सर दहेज़ उत्पीड़न और प्रताड़ना की शिकायतें लेकर आते रहते हैं, लेकिन हाल ही में एक नया मामला मेरे पास आया। वह न तो दहेज़ प्रताड़ना या रंगदारी का था, न ही अपहरण या गुमशुदगी का। बल्कि अपने विवाह का उम्र पार कर जाने के बाद भी विवाह करने से मना करने वाले अपने अभिभावकों के कारण उत्पन्न मानसिक तनाव का था। जिससे मुक्ति पाने का उपाय ढुंढने में मदद मिलने की आशा में मेरे पास सलाह लेने के लिए आई थी। उसकी बातें सुनकर मुझे जो उचित लगा मैंने उसे बता दिया। इस घटना के बीते एक महिना से ज्यादा हो रहा है। लेकिन खुशी की बात है कि वह युवती मेरी सलाह मानी और आज विवाह करके टेंशनफ्री हो चुकी है। लेकिन इस खुशखबरी के बाद मुझे लगा कि इसी तरह की समस्या से पता नहीं और भी कितनी युवतियां जूझ रही होंगी। अतः वैसी महिलाओं तक अपनी बात पहुंचाने के लिए उस लड़की के द्वारा बतायी गयी समस्या और उसे बताया गया अपना सुझाव आपको भी शेयर कर रहा हूँ।
#समस्या : मेरी उम्र ३३ वर्ष हो चुकी है और नौकरी भी करती हूँ। लेकिन मेरे माता-पिता मेरी शादी नहीं कर रहे हैं। मैं जब भी इसके बारे में बात करना चाहती हूँ तब मेरी माँ गालियां देने लगती हैं। पिताजी भी उग्र हो जाते हैं। शराब का ठेका बन्द होने के बाद से पिता जी कुछ नहीं करते। भाई भी दिनभर मोबाइल चलाता रहता है। मेरे कुंवारेपन को लेकर मेरे पड़ोसी और सहकर्मी भी मुझ पर फब्तियां कसते रहते हैं। इसके कारण घर से निकलने की इच्छा नहीं होती है। लेकिन क्या करें, हम कमायेंगे नहीं तो खायेंगे क्या? अपने कुल-खानदान के इज्ज़त खराब न हो इसके कारण ही सबकी बातें सह लेती हूँ। लेकिन अब और सहा नहीं जाता। अतः आप ही बताइए कि मुझे क्या करना चाहिए?
#समाधान : जब अपने परिजन आपका साथ नहीं दे रहे तो आप क्यों लोगों के तानें बर्दाश्त कर रही हैं? आप नाबालिग नहीं हैं। आपको अपने बारे में सोचने-समझने और निर्णय लेने का पूरा अधिकार है। जब आप किसी पर आश्रित नहीं हैं तब खुद को आजाद किजिये इस गुलामी से। यदि ताने देने वाले लोगों के खिलाफ़ कानूनी कारवाई करवाना चाहेंगी तब किन-किन लोगों से दुश्मनी मोल लेंगी। अतः आप विवाह कर लीजिए और हो सके तो अपने भाई के लिए छोटा-मोटा दुकान खुलवा दिजीए। इससे यकीनन आपके प्रति आपके परिजनों का व्यवहार भी सुधर जाएगा। इसके लिए आप मैरिज ब्यूरो की सहायता भी ले सकती हैं। लेकिन ध्यान रहे इस मामले में भी बहुत सावधानी की जरूरत है। क्योंकि विवाह जीवन भर का रिश्ता होता है। अतः इस मामले में मेरे सुझाव के अनुसार काम करेंगी तो 80% सम्भावना है कि आपको शादी करने के बाद पछताना नहीं पड़ेगा।
#सुझाव : यदि आप वाकई में ऐसे पशोपेश में पड़ी हुई हैं तो पहले एक सूची बनायें जिसमें आपके पसन्द और नापसन्द का जिक्र हो। यानी आपको कैसा पति चाहिये? अपने होने वाले पति से आप क्या-क्या अपेक्षा रखती हैं उसका जिक्र तो हो ही साथ ही एक ऐसी सूची भी बनायें जिसमें इस बात का भी जिक्र हो कि आपको किस तरह का पति पसन्द नहीं है। अर्थात पुरुषों में अक्सर दिखने वाले किस-किस तरह की बुराईयां नहीं होनी चाहिए। साथ ही अपनी अच्छाईयों और बुराईयों की भी सूची बनायें। इससे आपको अपने लायक सही जीवन साथी की तलाश करने में सहुलियत होगी। आप ऐसी सूची बना कर अपने स्तर से भी योग्य जीवनसाथी की तलाश कर सकती हैं। चाहें तो विश्वसनीय मैरेज ब्यूरो की सहायता भी ले सकती हैं। ऐसी एजेंसियों के लिंक पाने के लिए आप जब चाहें तब मुझसे सम्पर्क कर सकते हैं।
लेकिन अपनी तलाश शुरू करने के पहले एक और बात का ध्यान रखें कि ऐसे बहुत से युवक होते हैं जो झूठ से नफ़रत करने वाली, शान्तिप्रिय, साहित्यिक, कलाप्रेमी और धार्मिक कार्यों में रुचि रखने वाली जीवन साथी चाहते हैं। लेकिन उनके पसन्द के विपरीत व्यवहार वाली युवती के साथ विवाह होने के बाद उनका वैवाहिक जीवन नारकीय हो जाता है। ऐसा ही स्त्रियों के साथ भी होता है। अतः अपने वैवाहिक बायोडाटा में अपने पसन्द और नापसन्द का जिक्र भी जरूर करें। इससे विवाह के बाद होने वाले पारिवारिक विवाद की सम्भावनाओं से भी बचा जा सकता है। अतः सोच-समझकर ही निर्णय लें।
शादी करने के पहले प्रस्तावित युवक के बैकग्राउंड के बारे में गुप्त रूप से पता करवायें। क्योंकि मैरिज ब्यूरो के द्वारा फर्जी रिश्तेदार और झूठा बायोडाटा बना कर ठगी और लूटपाट करने वाले गिरोहों के द्वारा भी मैरिज ब्यूरो का दुरुपयोग किया जाता है। इस तरह की सर्विस के लिए भी मुझसे सम्पर्क कर सकते हैं।
लेकिन इन बातों की सूचना तब तक अपने परिजनों को न होने दें। जब तक आपको यह न लगे कि अब योग्य जीवनसाथी मिल गया है। जब आपके परिजन आपकी शादी करने के लिए तैयार नहीं हैं तो सीविल मैरिज की कल्पना भी न करें। अन्यथा आपका बना बनाया काम बिगड़ जाएगा। आपकी परिस्थितियों से परिचित होने के बाद भी जो युवक आपसे शादी करने के लिए तैयार हो उसे कोर्ट मैरिज करने के लिए तैयार करें और कोर्ट में पहुंचने के बाद अपने परिजनों को फोन करके यह कहें कि आप लोगों को मेरी चिन्ता नहीं थी। इसके कारण मुझे आप लोगों ने ही खुद निर्णय लेने के लिए मजबूर किया है। आज मैं आप लोगों की इच्छा के बगैर कोर्ट मैरिज कर रही हूँ। इसलिए प्लीज़ आशिर्वाद देने के लिए समय पर आ जाइगा। ऐसा करने से आपके मायके के लोगों की प्रतिष्ठा भी बनी रहेगी और आपका अपने मायके वालों से रिश्ता भी खराब नहीं होगा।

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युवतियों की समस्या और समाधान
मेरे पास लोग अक्सर दहेज़ उत्पीड़न और प्रताड़ना की शिकायतें लेकर आते रहते हैं, लेकिन हाल ही में एक नया मामला मेरे पास आया। वह न तो दहेज़ प्रताड़ना या रंगदारी का था, न ही अपहरण या गुमशुदगी का। बल्कि अपने विवाह का उम्र पार कर जाने के बाद भी विवाह करने से मना करने वाले अपने अभिभावकों के कारण उत्पन्न मानसिक तनाव का था। जिससे मुक्ति पाने का उपाय ढुंढने में मदद मिलने की आशा में मेरे पास सलाह लेने के लिए आई थी। उसकी बातें सुनकर मुझे जो उचित लगा मैंने उसे बता दिया। इस घटना के बीते एक महिना से ज्यादा हो रहा है। लेकिन खुशी की बात है कि वह युवती मेरी सलाह मानी और आज विवाह करके टेंशनफ्री हो चुकी है। लेकिन इस खुशखबरी के बाद मुझे लगा कि इसी तरह की समस्या से पता नहीं और भी कितनी युवतियां जूझ रही होंगी। अतः वैसी महिलाओं तक अपनी बात पहुंचाने के लिए उस लड़की के द्वारा बतायी गयी समस्या और उसे बताया गया अपना सुझाव आपको भी शेयर कर रहा हूँ।
#समस्या : मेरी उम्र ३३ वर्ष हो चुकी है और नौकरी भी करती हूँ। लेकिन मेरे माता-पिता मेरी शादी नहीं कर रहे हैं। मैं जब भी इसके बारे में बात करना चाहती हूँ तब मेरी माँ गालियां देने लगती हैं। पिताजी भी उग्र हो जाते हैं। शराब का ठेका बन्द होने के बाद से पिता जी कुछ नहीं करते। भाई भी दिनभर मोबाइल चलाता रहता है। मेरे कुंवारेपन को लेकर मेरे पड़ोसी और सहकर्मी भी मुझ पर फब्तियां कसते रहते हैं। इसके कारण घर से निकलने की इच्छा नहीं होती है। लेकिन क्या करें, हम कमायेंगे नहीं तो खायेंगे क्या? अपने कुल-खानदान के इज्ज़त खराब न हो इसके कारण ही सबकी बातें सह लेती हूँ। लेकिन अब और सहा नहीं जाता। अतः आप ही बताइए कि मुझे क्या करना चाहिए?
#समाधान : जब अपने परिजन आपका साथ नहीं दे रहे तो आप क्यों लोगों के तानें बर्दाश्त कर रही हैं? आप नाबालिग नहीं हैं। आपको अपने बारे में सोचने-समझने और निर्णय लेने का पूरा अधिकार है। जब आप किसी पर आश्रित नहीं हैं तब खुद को आजाद किजिये इस गुलामी से। यदि ताने देने वाले लोगों के खिलाफ़ कानूनी कारवाई करवाना चाहेंगी तब किन-किन लोगों से दुश्मनी मोल लेंगी। अतः आप विवाह कर लीजिए और हो सके तो अपने भाई के लिए छोटा-मोटा दुकान खुलवा दिजीए। इससे यकीनन आपके प्रति आपके परिजनों का व्यवहार भी सुधर जाएगा। इसके लिए आप मैरिज ब्यूरो की सहायता भी ले सकती हैं। लेकिन ध्यान रहे इस मामले में भी बहुत सावधानी की जरूरत है। क्योंकि विवाह जीवन भर का रिश्ता होता है। अतः इस मामले में मेरे सुझाव के अनुसार काम करेंगी तो 80% सम्भावना है कि आपको शादी करने के बाद पछताना नहीं पड़ेगा।
#सुझाव : यदि आप वाकई में ऐसे पशोपेश में पड़ी हुई हैं तो पहले एक सूची बनायें जिसमें आपके पसन्द और नापसन्द का जिक्र हो। यानी आपको कैसा पति चाहिये? अपने होने वाले पति से आप क्या-क्या अपेक्षा रखती हैं उसका जिक्र तो हो ही साथ ही एक ऐसी सूची भी बनायें जिसमें इस बात का भी जिक्र हो कि आपको किस तरह का पति पसन्द नहीं है। अर्थात पुरुषों में अक्सर दिखने वाले किस-किस तरह की बुराईयां नहीं होनी चाहिए। साथ ही अपनी अच्छाईयों और बुराईयों की भी सूची बनायें। इससे आपको अपने लायक सही जीवन साथी की तलाश करने में सहुलियत होगी। आप ऐसी सूची बना कर अपने स्तर से भी योग्य जीवनसाथी की तलाश कर सकती हैं। चाहें तो विश्वसनीय मैरेज ब्यूरो की सहायता भी ले सकती हैं। ऐसी एजेंसियों के लिंक पाने के लिए आप जब चाहें तब मुझसे सम्पर्क कर सकते हैं।
लेकिन अपनी तलाश शुरू करने के पहले एक और बात का ध्यान रखें कि ऐसे बहुत से युवक होते हैं जो झूठ से नफ़रत करने वाली, शान्तिप्रिय, साहित्यिक, कलाप्रेमी और धार्मिक कार्यों में रुचि रखने वाली जीवन साथी चाहते हैं। लेकिन उनके पसन्द के विपरीत व्यवहार वाली युवती के साथ विवाह होने के बाद उनका वैवाहिक जीवन नारकीय हो जाता है। ऐसा ही स्त्रियों के साथ भी होता है। अतः अपने वैवाहिक बायोडाटा में अपने पसन्द और नापसन्द का जिक्र भी जरूर करें। इससे विवाह के बाद होने वाले पारिवारिक विवाद की सम्भावनाओं से भी बचा जा सकता है। अतः सोच-समझकर ही निर्णय लें।
शादी करने के पहले प्रस्तावित युवक के बैकग्राउंड के बारे में गुप्त रूप से पता करवायें। क्योंकि मैरिज ब्यूरो के द्वारा फर्जी रिश्तेदार और झूठा बायोडाटा बना कर ठगी और लूटपाट करने वाले गिरोहों के द्वारा भी मैरिज ब्यूरो का दुरुपयोग किया जाता है। इस तरह की सर्विस के लिए भी मुझसे सम्पर्क कर सकते हैं।
लेकिन इन बातों की सूचना तब तक अपने परिजनों को न होने दें। जब तक आपको यह न लगे कि अब योग्य जीवनसाथी मिल गया है। जब आपके परिजन आपकी शादी करने के लिए तैयार नहीं हैं तो सीविल मैरिज की कल्पना भी न करें। अन्यथा आपका बना बनाया काम बिगड़ जाएगा। आपकी परिस्थितियों से परिचित होने के बाद भी जो युवक आपसे शादी करने के लिए तैयार हो उसे कोर्ट मैरिज करने के लिए तैयार करें और कोर्ट में पहुंचने के बाद अपने परिजनों को फोन करके यह कहें कि आप लोगों को मेरी चिन्ता नहीं थी। इसके कारण मुझे आप लोगों ने ही खुद निर्णय लेने के लिए मजबूर किया है। आज मैं आप लोगों की इच्छा के बगैर कोर्ट मैरिज कर रही हूँ। इसलिए प्लीज़ आशिर्वाद देने के लिए समय पर आ जाइगा। ऐसा करने से आपके मायके के लोगों की प्रतिष्ठा भी बनी रहेगी और आपका अपने मायके वालों से रिश्ता भी खराब नहीं होगा।

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युवतियों की समस्या और समाधान
मेरे पास लोग अक्सर दहेज़ उत्पीड़न और प्रताड़ना की शिकायतें लेकर आते रहते हैं, लेकिन हाल ही में एक नया मामला मेरे पास आया। वह न तो दहेज़ प्रताड़ना या रंगदारी का था, न ही अपहरण या गुमशुदगी का। बल्कि अपने विवाह का उम्र पार कर जाने के बाद भी विवाह करने से मना करने वाले अपने अभिभावकों के कारण उत्पन्न मानसिक तनाव का था। जिससे मुक्ति पाने का उपाय ढुंढने में मदद मिलने की आशा में मेरे पास सलाह लेने के लिए आई थी। उसकी बातें सुनकर मुझे जो उचित लगा मैंने उसे बता दिया। इस घटना के बीते एक महिना से ज्यादा हो रहा है। लेकिन खुशी की बात है कि वह युवती मेरी सलाह मानी और आज विवाह करके टेंशनफ्री हो चुकी है। लेकिन इस खुशखबरी के बाद मुझे लगा कि इसी तरह की समस्या से पता नहीं और भी कितनी युवतियां जूझ रही होंगी। अतः वैसी महिलाओं तक अपनी बात पहुंचाने के लिए उस लड़की के द्वारा बतायी गयी समस्या और उसे बताया गया अपना सुझाव आपको भी शेयर कर रहा हूँ।
#समस्या : मेरी उम्र ३३ वर्ष हो चुकी है और नौकरी भी करती हूँ। लेकिन मेरे माता-पिता मेरी शादी नहीं कर रहे हैं। मैं जब भी इसके बारे में बात करना चाहती हूँ तब मेरी माँ गालियां देने लगती हैं। पिताजी भी उग्र हो जाते हैं। शराब का ठेका बन्द होने के बाद से पिता जी कुछ नहीं करते। भाई भी दिनभर मोबाइल चलाता रहता है। मेरे कुंवारेपन को लेकर मेरे पड़ोसी और सहकर्मी भी मुझ पर फब्तियां कसते रहते हैं। इसके कारण घर से निकलने की इच्छा नहीं होती है। लेकिन क्या करें, हम कमायेंगे नहीं तो खायेंगे क्या? अपने कुल-खानदान के इज्ज़त खराब न हो इसके कारण ही सबकी बातें सह लेती हूँ। लेकिन अब और सहा नहीं जाता। अतः आप ही बताइए कि मुझे क्या करना चाहिए?
#समाधान : जब अपने परिजन आपका साथ नहीं दे रहे तो आप क्यों लोगों के तानें बर्दाश्त कर रही हैं? आप नाबालिग नहीं हैं। आपको अपने बारे में सोचने-समझने और निर्णय लेने का पूरा अधिकार है। जब आप किसी पर आश्रित नहीं हैं तब खुद को आजाद किजिये इस गुलामी से। यदि ताने देने वाले लोगों के खिलाफ़ कानूनी कारवाई करवाना चाहेंगी तब किन-किन लोगों से दुश्मनी मोल लेंगी। अतः आप विवाह कर लीजिए और हो सके तो अपने भाई के लिए छोटा-मोटा दुकान खुलवा दिजीए। इससे यकीनन आपके प्रति आपके परिजनों का व्यवहार भी सुधर जाएगा। इसके लिए आप मैरिज ब्यूरो की सहायता भी ले सकती हैं। लेकिन ध्यान रहे इस मामले में भी बहुत सावधानी की जरूरत है। क्योंकि विवाह जीवन भर का रिश्ता होता है। अतः इस मामले में मेरे सुझाव के अनुसार काम करेंगी तो 80% सम्भावना है कि आपको शादी करने के बाद पछताना नहीं पड़ेगा।
#सुझाव : यदि आप वाकई में ऐसे पशोपेश में पड़ी हुई हैं तो पहले एक सूची बनायें जिसमें आपके पसन्द और नापसन्द का जिक्र हो। यानी आपको कैसा पति चाहिये? अपने होने वाले पति से आप क्या-क्या अपेक्षा रखती हैं उसका जिक्र तो हो ही साथ ही एक ऐसी सूची भी बनायें जिसमें इस बात का भी जिक्र हो कि आपको किस तरह का पति पसन्द नहीं है। अर्थात पुरुषों में अक्सर दिखने वाले किस-किस तरह की बुराईयां नहीं होनी चाहिए। साथ ही अपनी अच्छाईयों और बुराईयों की भी सूची बनायें। इससे आपको अपने लायक सही जीवन साथी की तलाश करने में सहुलियत होगी। आप ऐसी सूची बना कर अपने स्तर से भी योग्य जीवनसाथी की तलाश कर सकती हैं। चाहें तो विश्वसनीय मैरेज ब्यूरो की सहायता भी ले सकती हैं। ऐसी एजेंसियों के लिंक पाने के लिए आप जब चाहें तब मुझसे सम्पर्क कर सकते हैं।
लेकिन अपनी तलाश शुरू करने के पहले एक और बात का ध्यान रखें कि ऐसे बहुत से युवक होते हैं जो झूठ से नफ़रत करने वाली, शान्तिप्रिय, साहित्यिक, कलाप्रेमी और धार्मिक कार्यों में रुचि रखने वाली जीवन साथी चाहते हैं। लेकिन उनके पसन्द के विपरीत व्यवहार वाली युवती के साथ विवाह होने के बाद उनका वैवाहिक जीवन नारकीय हो जाता है। ऐसा ही स्त्रियों के साथ भी होता है। अतः अपने वैवाहिक बायोडाटा में अपने पसन्द और नापसन्द का जिक्र भी जरूर करें। इससे विवाह के बाद होने वाले पारिवारिक विवाद की सम्भावनाओं से भी बचा जा सकता है। अतः सोच-समझकर ही निर्णय लें।
शादी करने के पहले प्रस्तावित युवक के बैकग्राउंड के बारे में गुप्त रूप से पता करवायें। क्योंकि मैरिज ब्यूरो के द्वारा फर्जी रिश्तेदार और झूठा बायोडाटा बना कर ठगी और लूटपाट करने वाले गिरोहों के द्वारा भी मैरिज ब्यूरो का दुरुपयोग किया जाता है। इस तरह की सर्विस के लिए भी मुझसे सम्पर्क कर सकते हैं।
लेकिन इन बातों की सूचना तब तक अपने परिजनों को न होने दें। जब तक आपको यह न लगे कि अब योग्य जीवनसाथी मिल गया है। जब आपके परिजन आपकी शादी करने के लिए तैयार नहीं हैं तो सीविल मैरिज की कल्पना भी न करें। अन्यथा आपका बना बनाया काम बिगड़ जाएगा। आपकी परिस्थितियों से परिचित होने के बाद भी जो युवक आपसे शादी करने के लिए तैयार हो उसे कोर्ट मैरिज करने के लिए तैयार करें और कोर्ट में पहुंचने के बाद अपने परिजनों को फोन करके यह कहें कि आप लोगों को मेरी चिन्ता नहीं थी। इसके कारण मुझे आप लोगों ने ही खुद निर्णय लेने के लिए मजबूर किया है। आज मैं आप लोगों की इच्छा के बगैर कोर्ट मैरिज कर रही हूँ। इसलिए प्लीज़ आशिर्वाद देने के लिए समय पर आ जाइगा। ऐसा करने से आपके मायके के लोगों की प्रतिष्ठा भी बनी रहेगी और आपका अपने मायके वालों से रिश्ता भी खराब नहीं होगा।

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