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मिलिए मेरी एक और बहन से...
अपर्णा विश्वकर्मा याद है?
जिसे #namoagain की टीशर्ट पहनने पर कांग्रेसियों ने अस्सी घाट से भगाना चाहा था। लेकिन इस बहादुर बच्ची ने उन दर्जनों वाहियात लोगों से अकेले ही लोहा लिया था।
काशी की संस्कृति के बिल्कुल विपरीत, उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के तुरन्त बाद मैं उसके घर गया था और सदैव उसके साथ मजबूती से खड़े रहने का भरोसा दिया था।
बहन अपर्णा को उसके उज्जवल भविष्य के लिए शुभाशीष!
#रक्षाबन्धन
मिलिए मेरी एक और बहन से...
अपर्णा विश्वकर्मा याद है?
जिसे #namoagain की टीशर्ट पहनने पर कांग्रेसियों ने अस्सी घाट से भगाना चाहा था। लेकिन इस बहादुर बच्ची ने उन दर्जनों वाहियात लोगों से अकेले ही लोहा लिया था।
काशी की संस्कृति के बिल्कुल विपरीत, उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के तुरन्त बाद मैं उसके घर गया था और सदैव उसके साथ मजबूती से खड़े रहने का भरोसा दिया था।
बहन अपर्णा को उसके उज्जवल भविष्य के लिए शुभाशीष!
#रक्षाबन्धन
मिलिए मेरी एक और बहन से...
अपर्णा विश्वकर्मा याद है?
जिसे #namoagain की टीशर्ट पहनने पर कांग्रेसियों ने अस्सी घाट से भगाना चाहा था। लेकिन इस बहादुर बच्ची ने उन दर्जनों वाहियात लोगों से अकेले ही लोहा लिया था।
काशी की संस्कृति के बिल्कुल विपरीत, उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के तुरन्त बाद मैं उसके घर गया था और सदैव उसके साथ मजबूती से खड़े रहने का भरोसा दिया था।
बहन अपर्णा को उसके उज्जवल भविष्य के लिए शुभाशीष!
#रक्षाबन्धन
