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ब्राह्मणों के खिलाफ शैक्षणिक संस्थानों से लेकर मीडिया तक में बैठे लोगों के मन में कितना जहर भरा है अब ये बातें खुलकर सामने आ रही हैं। पहले कोई बोलने वाला नहीं था इसलिए ये नफरती लोग ब्राह्मणवाद के नाम पर खुलेआम सरेआम नफरत फैलाकर पतली गली से निकल लेते थे। लेकिन अब अगर इस नफरत के खिलाफ नहीं बोला गया, नहीं लिखा गया तो आने वाली पुश्तें नहीं माफ करेंगी।
UPSC का मॉक इंटरव्यू लेने वाले विजेंद्र चौहान को देखिए। इनके अंदर जातिवाद का भरा जहर अब खुलकर सामने आ रहा है। ये व्यक्ति खुलेआम ट्वीट कर लिख रहे हैं कि हिंदू धर्म को "ब्राह्मणवाद"के चंगुल से आज़ाद कराने की जरूरत है।
लठैतवाद की विचारधारा से ओत प्रोत विजेंद्र चौहान ना ब्राह्मणों के सगे हैं, ना दलितों के ना मुस्लिमों के। ये सिर्फ लठैतवाद को बढ़ाना चाहते हैं। ये देश भर में "लठैतावाद" का नंगा नाच करवाने की मंशा रखते हैं। ये गरीब/पीड़ित/शोषित/वंचितों का शोषण करने वाले, उन पर अत्याचार करने वाले विचारधारा से ओत-प्रोत हैं।
ये व्यक्ति भविष्य के IAS/IPS का मॉक इंटरव्यू करते हैं। वर्तमान/ भविष्य के ऑफ़िसरों के मन में ये ब्राह्मणों को लेकर कितना नफरत भर रहे होंगे? कितना जहर बो दिए होंगे? उसका ज़मीन पर क्या असर हो रहा होगा? ये कल्पना की जा सकती है क्या?
ब्राह्मणों के खिलाफ शैक्षणिक संस्थानों से लेकर मीडिया तक में बैठे लोगों के मन में कितना जहर भरा है अब ये बातें खुलकर सामने आ रही हैं। पहले कोई बोलने वाला नहीं था इसलिए ये नफरती लोग ब्राह्मणवाद के नाम पर खुलेआम सरेआम नफरत फैलाकर पतली गली से निकल लेते थे। लेकिन अब अगर इस नफरत के खिलाफ नहीं बोला गया, नहीं लिखा गया तो आने वाली पुश्तें नहीं माफ करेंगी।
UPSC का मॉक इंटरव्यू लेने वाले विजेंद्र चौहान को देखिए। इनके अंदर जातिवाद का भरा जहर अब खुलकर सामने आ रहा है। ये व्यक्ति खुलेआम ट्वीट कर लिख रहे हैं कि हिंदू धर्म को "ब्राह्मणवाद"के चंगुल से आज़ाद कराने की जरूरत है।
लठैतवाद की विचारधारा से ओत प्रोत विजेंद्र चौहान ना ब्राह्मणों के सगे हैं, ना दलितों के ना मुस्लिमों के। ये सिर्फ लठैतवाद को बढ़ाना चाहते हैं। ये देश भर में "लठैतावाद" का नंगा नाच करवाने की मंशा रखते हैं। ये गरीब/पीड़ित/शोषित/वंचितों का शोषण करने वाले, उन पर अत्याचार करने वाले विचारधारा से ओत-प्रोत हैं।
ये व्यक्ति भविष्य के IAS/IPS का मॉक इंटरव्यू करते हैं। वर्तमान/ भविष्य के ऑफ़िसरों के मन में ये ब्राह्मणों को लेकर कितना नफरत भर रहे होंगे? कितना जहर बो दिए होंगे? उसका ज़मीन पर क्या असर हो रहा होगा? ये कल्पना की जा सकती है क्या?
ब्राह्मणों के खिलाफ शैक्षणिक संस्थानों से लेकर मीडिया तक में बैठे लोगों के मन में कितना जहर भरा है अब ये बातें खुलकर सामने आ रही हैं। पहले कोई बोलने वाला नहीं था इसलिए ये नफरती लोग ब्राह्मणवाद के नाम पर खुलेआम सरेआम नफरत फैलाकर पतली गली से निकल लेते थे। लेकिन अब अगर इस नफरत के खिलाफ नहीं बोला गया, नहीं लिखा गया तो आने वाली पुश्तें नहीं माफ करेंगी।
UPSC का मॉक इंटरव्यू लेने वाले विजेंद्र चौहान को देखिए। इनके अंदर जातिवाद का भरा जहर अब खुलकर सामने आ रहा है। ये व्यक्ति खुलेआम ट्वीट कर लिख रहे हैं कि हिंदू धर्म को "ब्राह्मणवाद"के चंगुल से आज़ाद कराने की जरूरत है।
लठैतवाद की विचारधारा से ओत प्रोत विजेंद्र चौहान ना ब्राह्मणों के सगे हैं, ना दलितों के ना मुस्लिमों के। ये सिर्फ लठैतवाद को बढ़ाना चाहते हैं। ये देश भर में "लठैतावाद" का नंगा नाच करवाने की मंशा रखते हैं। ये गरीब/पीड़ित/शोषित/वंचितों का शोषण करने वाले, उन पर अत्याचार करने वाले विचारधारा से ओत-प्रोत हैं।
ये व्यक्ति भविष्य के IAS/IPS का मॉक इंटरव्यू करते हैं। वर्तमान/ भविष्य के ऑफ़िसरों के मन में ये ब्राह्मणों को लेकर कितना नफरत भर रहे होंगे? कितना जहर बो दिए होंगे? उसका ज़मीन पर क्या असर हो रहा होगा? ये कल्पना की जा सकती है क्या?
इस तस्वीर को ठीक से देखिए !
बहुत महंगी तस्वीर है ये, शायद दशकों तक न भुला पाने वाला।
ये स्मृति हैं, इन्होंने इतनी कम उम्र में अपने पति को खो दिया।
मृत्यु से मात्र 5 महीने पहले कैप्टेन अभिमन्यु से स्मृति की शादी हुई थी।
इतनी कम उम्र में स्मृति ने इस देश के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकाई है।
इस तस्वीर में हमारे भारत के सुरक्षा की कीमत छुपी हुई है, वो कीमत जो स्मृति ने अपने पति को खोकर चुकाई है।
सियाचिन ग्लेशियर में 19 जुलाई 2023 को भारतीय सेना के बंकरों में आग लग गई थी।
जवान आग से घिर गए थे, यूपी के देवरिया के 'शेर' कैप्टन अंशुमान सिंह भी वहां तैनात थे।
साथियों के सामने खड़ी मौत से भिड़ गए, आग का गोला बने बंकर में घुस गए और चार जवानों को सुरक्षित बाहर निकाल लाए, मगर खुद वीरगति को प्राप्त हो गए।
कैप्टेन अंशुमान को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है।