Discover postsExplore captivating content and diverse perspectives on our Discover page. Uncover fresh ideas and engage in meaningful conversations
1971 भारत पाक युद्ध मे अदम्य साहस का परिचय देने वाले महावीर चक्र से सम्मानित संत लेफ्टिनेंट जनरल हणुत्त सिंह जसोल
हज़ारों सालों से क्षत्रिय कौम वीरता – महानता – राष्ट्रवाद की अजीबोगरीब मिशाल करती आयी है फिर भी हमेशा इस कौम से कुछ ऐसा देखने को मिलता जो गर्व को भी गौरवमयी कर देता है आज हम आपको बताएंगे 1971 भारत – पाक के युद्ध के हीरो इतिहास के सबसे महान टैंक योद्धा जिंसने 1971 के युद्ध मे पाकिस्तान की सेना में हाहाकार मचा दिया था . पाकिस्तान सेना के 48 टैंक को नेस्तनाबूद करने वाला ये महावीर अपनी वीरता के साथ इतना बड़ा राष्ट्रभक्त था जिसने कभी देश सेवा के लिए ना शादी की ना ही फौज से तनख्वाह ली .
लेफ्टिनेंट-जनरल हनूत सिंह राठौड़
यही है क्षत्रित्व देश के लिये आजीवन अविवाहित रहे और बिना वेतन फ़ौज की नौकरी की लेफ्टिनेंट जनरल हनुत सिंह राठौड़
(वीर हनूत सिंह इस राजस्थानी संत ने तबाह किए थे 48 पाक टैंक)
राजस्थान की मिट्टी ने जहां महाराणा प्रताप और वीर दुर्गादास जैसे वीरों को जन्म दिया है वहीं भक्त शिरोमणि मीराबाई की भी जननी है। वीर हनूत सिंह में राजस्थानी मिट्टी के दोनों गुण थे। इन्हीं की अगुवाई में पूना हॉर्स रेजीमेंट ने वर्ष 1965 तथा 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान के 48 टैंक नष्ट कर दिए थे जिसके बाद पाक सेना के सामने हार स्वीकार करने के अतिरिक्त कोई ऑप्शन नहीं बचा।
ले. जनरल हनूत सिंह का जन्म 6 जुलाई 1933 को ले. कर्नल अर्जुन सिंह जी राठौड़ ठिकाना जसोल,राजस्थान के घर हुआ था। वह देश के पूर्व विदेश एवं रक्षामंत्री जसवंत सिंह के चचेरे भाई थे। देहरादून के कर्नन ब्राउन स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद वह 1949 में एनडीए में दाखिल हुए। वहीं से उन्होंने सेना ज्वॉइन की। यहां वह सैकण्ड लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्त हुए। इसके बाद वह सीढ़ी दर सीढ़ी तरक्की करते रहे।
भारत-पाक युद्ध में दिखाई ताकत-
वर्ष 1965 व 1971 में हनूत सिंह ने भारत-पाक युद्ध में पूना हॉर्स रेजीमेंट की ओर से भाग लिया। इनके नेतृत्व में ए.बी. तारपारे व सैकण्ड लेफ्टिनेंट अरूण क्षेत्रपाल ने युद्ध कौशल का परिचय देते हुए पाकिस्तान सेना के 48 टैंक ध्वस्त कर पाक सेना के छक्के छुड़ा दिए।