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कश्मीर में पड़ोसी था, दिल्ली में पड़ोसी था, उदयपुर में पड़ोसी था, अमरावती में तो जिगरी दोस्त था
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें 🙏

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Believe in Virat Kohli, he will surely make a comeback!❤️

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Tiwari Suraj created a new article
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साहित्य उम्मीद की विधा है क्योंकि यह यथार्थ, क्रूर वर्तमान का सामना करने का साहस करता है | ##information

साहित्य उम्मीद की विधा है क्योंकि यह यथार्थ, क्रूर वर्तमान का सामना करने का साहस करता है

साहित्य उम्मीद की विधा है क्योंकि यह यथार्थ, क्रूर वर्तमान का सामना करने का साहस करता है

इस समय की प्रचलित टेक्नोलॉजी और प्रविधियां तेज़ी और सफलता से यथार्थ को तरह-तरह से रचती रहती हैं. इस रचे गए यथार्थ
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Look carefully, !! If there is any other example of such amazing craftsmanship, let us know!!! Shri Kandariya Mahadev Temple Khajuraho Madhya Pradesh

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Look carefully, !! If there is any other example of such amazing craftsmanship, let us know!!! Shri Kandariya Mahadev Temple Khajuraho Madhya Pradesh

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"हो सकता है मैं जल्द ही अपने शरीर से बाहर हो जाऊँ, उसे एक परिधान की तरह उतार कर। लेकिन मेरा काम नहीं रुकेगा। मैं लोगों को ईश्वर से जोड़ता रहूँगा।" - (स्वामी विवेकानंद)
कलकत्ता के चांपाताला में स्थित सिद्देश्वरी लेन के "मेट्रोपोलिटन स्कूल" की हेडमास्टरी से नरेन्द्रनाथ को यह कह कर निकाल दिया गया था कि उन्हें पढ़ाना नहीं आता ! बी.ए. की परीक्षा पास न कर पाने वाला व्यवस्था द्वारा निष्कासित यही महामानव आगे चल स्वामी विवेकानंद के रूप में "विश्व-शिक्षक" बना ! शिकागो के विश्वप्रसिद्ध भाषण के अतिरिक्त हम में से अनेक भारतीय स्वामी जी की युगदर्शी एवं अग्रिम सोच से आज भी परिचित नहीं हैं ! स्वामी विवेकानंद हमारी हजारों वर्षों की परम्परा का आगामी शताब्दियों के लिए जीवन-संकेत हैं ! सनातन संस्कृति के उच्चतम मूल्यों को सार्थक और स्थापित कर जगत-व्यापी करने वाले विश्व के सबसे प्रांजल, सबसे दिव्य, सबसे तेजस्वी कर्म-गुरु, सर्वमान्य शांतिदूत और धर्म-प्रतिनिधि, स्वामी विवेकानंद जी के महासमाधि दिवस पर उन्हें आकाश भर प्रणाम। उनकी अभूतपूर्व जागृत चेतना से निकले संबोधनों के एक-एक शब्द में युगों को मार्गदर्शित करने की क्षमता है। अतः आवश्यक है हम सब उन्हें पढ़ें, आत्मसात करें और स्वधर्म सीखें ताकि उनके उपरोक्त शब्दों को सच करने में हमारी किंचित् भूमिका भी सुनिश्चित हो सके। 🙏🏻❤️🇮🇳

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Cheteshwar Pujara is the name 🇮🇳

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आज एक तन्दूर पर रोटी लेने गया.....
मैंने पैसे दे दिए और रोटी लगाने वाले को रोटी लगाने को कहा.....
इसी बीच
एक और व्यक्ति भी आ गया मेरे पीछे......
उसको शायद जल्दी थी या बहुत से लोगों की तरह रोब झाड़ना चाहता था......😀
तन्दूर वाले से उसने दो तीन बार जल्दी रोटी लगाने को कहा....😀.
लेकिन तन्दूर वाले ने उसकी बात सुनी अनसुनी कर दी........! 😀
वह व्यक्ति जो रोब झाड़ रहा था फिर उसने और गुस्से से रोटी लगाने को कहा.....😎.
जिसके जवाब में रोटी लगाने वाले ने जो एतिहासिक बात कही......😎
फिर मुझ समेत किसी की भी हिम्मत ना हुई कि उसे जल्दी रोटी लगाने को बोले.... 😀
तन्दूर वाले ने कहा:- सब्र कर ले मामा!.... ...
अगर तू इतना ही बदमाश होता तो घर में रोटियां ना पकवा लेता.......?
😂😂😂