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80 घाव खाकर भी धड़ लड़ता रहा रणभूमि में, एक आँख, और एक पैर के पूर्णतः क्षतिग्रस्त होने के बावजूद इन्होंने ज़िन्दगी से हार नही मानी और कई युद्ध लड़े ।
1527 में राणा सांगा और मुगल बादशाह बाबर के भयानक युद्ध हुआ। खानवा के मैदान में दोनों सेनाओं के बीच जबरदस्त खूनी मुठभेड़ हुई। बाबर 2 लाख मुगल सैनिक थे और ऐसा कहा जाता है कि राणा सांगा के पास भी बाबर जितनी सेना थी। बस फर्क यह था कि बाबार के पास गोला-बारूद का बड़ा जखीरा था और राणा के पास साहस एवं वीरता। युद्ध में बाबर ने राणा के साथ लड़ रहे लोदी सेनापति को लालच दिया जिसके चलते सांगा को धोखा देकर लोदी और उसकी सेना बाबर से जा मिली। लड़ते हुए राणा सांगा की एक आंख में तीर भी लगा, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की और युद्ध में डटे रहे। इस युद्ध में उन्हें कुल 80 घाव आए थे। उनकी लड़ाई में दिखी वीरता से बाबर के होश उड़ गए थे। लोदी के गद्दारी करने की वजह से राणा सांगा की सेना शाम होते-होते लड़ाई हार गई थी।
ज़रा सोचिए कैसा दृश्य रहा होगा जब वो शूरवीर अपने शरीर मे 80 घाव होने के बावजूद, एक आँख, एक हाथ और एक पैर पूर्णतः क्षतिग्रस्त होने के बावजूद जब वो लड़ने जाता था
गर्व है ऐसे महावीर पर
#महाराणा सांगा जी को कोटि-कोटि नमन🙏🙏
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