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कोलकाता के आचार्य जगदीश चंद्र बोस बॉटनिकल गार्डेन में एक ऐसा बरगद का पेड़ है, जिसकी कहानी किसी चमत्कार से कम नहीं। 250 साल से भी ज्यादा पुराना ये पेड़ इतना फैल चुका है कि इसे देखकर आप जंगल समझने की भूल कर बैठेंगे। गिनीज बुक में दर्ज इस 'ग्रेट बनियन ट्री' की 3000 से ज्यादा जटाएं अब जड़ों का रूप ले चुकी हैं, जिससे ये 14,500 वर्ग मीटर में फैल गया है!
ये पेड़ सिर्फ विशाल ही नहीं, बल्कि पक्षियों की 80 से ज्यादा प्रजातियों का घर भी है। ऊंचाई में 24 मीटर के इस पेड़ को 'चलता-फिरता' पेड़ भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी जड़ें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस अद्भुत नज़ारे को देखने के लिए दुनियाभर से लोग यहां आते हैं।
तू जिंदगी को जी
उसे समझने की कोशिश न कर
सुंदर सपनो के ताने बाने बुन
उसमे उलझन की कोशिश न कर
चलते वक्त के साथ तु भी चल
उसमें सिमटने की कोशिश न कर
अपने हाथो को फैला, खुल कर साँस ले
अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर
मन में चल रहे युद्ध को विराम दे
खामख्वाह खुद से लड़ने की कोशिश न कर
कुछ बाते भगवान पर छोड़ दे
सब कुछ खुद सुलझाने की कोशिश न कर
जो मिल गया उसी में खुश रह
जो सूकून छीन ले वो पाने कोशिश न कर
रास्ते की सुंदरता का लुफ्त उठा
मंजिल पर जल्दी पहुचने की कोशिश न कर।
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KHAN SIR PATNA