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SUCHA SOORMA FAN LOVE PROMOTION MOVIE....

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🪷""""""""""""""""""""""""""""""""""""🪷
*_राधा रानी जी और रुक्मणी जी_*
🪷""""""""""""""""""""""""""""""""""""🪷
_एक बार जब ग्रहण के समय सभी व्रज वासियों और द्वारिका वासियों को- कुरुक्षेत्र में जाने का अवसर मिला- तब श्री राधा रानी भी अपनी सखियों से साथ वहाँ गई,जब रुक्मणि आदि रानियों को पता चला की व्रजवासी सहित राधा रानी जी भी आई हैं- तो उनके मन में तो बहुत वर्षों से उनसे मिलने की इच्छा थी,क्योकि भगवान हमेशा यशोदा जी नन्द बाबा और राधा रानी जी के प्रेम में इतना डूबे रहते थे- कि द्वारिका में सभी रानियों को बड़ा आश्चर्य होता था-आज जब पता चला तो सभी ने भगवान कृष्ण से राधा रानी जी से मिलने की इच्छा व्यक्त की
_भगवान श्री कृष्ण ने कुछ सैनिको के साथ रानियों को भेजा,रानियाँ वहाँ पहुँची- जहाँ राधा रानी जी ठहरी हुई थी,रुक्मणि आदि रानियाँ जैसे ही अन्दर गई,तो देखा एक बहुत सुन्दर युवती खड़ी हुई है,वह इतनी सुन्दर थी- कि सभी रानियाँ उनके सामने फीकी लगने लगी,सभी उसके चरणों में गिर गई,तब वह बोली- आप सभी कौन है....?_
_तब रुक्मणि आदि रानियों ने अपना परिचय बताया और कहा- कि हम आपसे ही मिलने आये हैं- आप राधा जी हो ना...?_
_तब सखी बोली- मैं राधा रानी नहीं हूँ, मै तो उनकी सखी हूँ ,मेरा नाम इन्दुलेखा है- में तो राधारानी जी की दासी हूँ, वे तो सात द्वारों के अन्दर विराजमान है- रानियों को बड़ा आश्चर्य हुआ- कि जिसकी दासी इतनी सुन्दर हैं- तो वे स्वयं कितनी सुन्दर होगी...?- आगे फिर एक-एक करके अष्ट सखियाँ मिली- रंगदेवी, तुंगविद्या,सुदेवी,चम्पक लता,चित्रा,विशाखा, ललिता.सभी रूप और सुंदरता की मिसाल थी। रानियों ने अपना परिचय बताया- और कहा कि हम आपसे ही मिलने आये है आप राधा जी हो ना.....?_
_सभी रानियाँ आश्चर्य में थी- कि जब ये सभी इतनी सुन्दर हैं- तो राधा रानी कैसी होगी....?_
_सभी अष्ट द्वार के अन्दर पहुँची,देखा राधा रानी जी के दोनों और ललिता व विशाखा सखियाँ खड़ी है- और श्री राधा रानी जी सुन्दर शय्या पर लंबा सा घूँघट करके बैठी हुई है.रुक्मणि जी ने चरणों में प्रणाम किया- और दर्शन की अभिलाषा व्यक्त की- तब श्री राधा रानी जी ने अपने कोमल करों से अपना घूँघट ऊपर उठाया,घूँघट ऊपर उठाते ही इतना प्रकाश उनके श्रीमुखमण्डल से निकला- कि सभी रानियो की आँखे बंद हो गई।_
_जब उन्होंने राधारानी जी के रूप और सौंदर्य को देखा- तो वे बस देखती ही रह गई.तब रुक्मणि जी की नजर राधा रानी जी के चरणों पर पड़ी- तो देखा चरणों में कुछ घाव बने हुए हैं, रुक्मणि जी ने पूछा तो श्री राधा रानी जी कहने लगी- आपने कल रात श्री कृष्ण को दुध पिलाया था,वह दूध बहुत गर्म था,जब वह दूध उनके ह्रदय तक पहुँचा- तो उनके ह्रदय में हमारे चरण बसते है,इसी से ये घाव मेरे पैरों में आ गए।_
_*इतना सुनते ही रानियों का सारा अभिमान चूर चूर हो गया,वे समझ गई कि कृष्ण क्यों हम सभी से अधिक राधा रानी जी को प्रेम करते है..!!*_
*_🌸 जय श्री राधे 🌸_*
*_🪴।।जय जय श्री राम।। 🪴_*
*_🪷 ।।हर हर महादेव।। 🪷_*

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*दीन सबन को लखत है, दीनहिं लखे न कोय ।*
*जो रहीम दीनहिं लखौ‚ दीन बंधु सम होय ।।*

✍ दुनिया की रीति के अनुसार, हम सभी अपने बड़े से कुछ पाने की उम्मीद रखते हैं ।
✍ लेकिन तथाकथित अधिकांशतः बड़े लोग उनकी तरफ ध्यान नही देते हैं ।
✍ दुख-मुसीबत आने पर अधिकांशतः तथाकथित बड़े तो जानना भी पसंद नही करते कि कहीं जेब न ढीली करनी पड़ जाए ।
✍ परन्तु तथाकथित दीन (गरीब) लोग तन-मन-धन से किसी की भी सेवा हेतु सदैव तैयार रहते हैं ।
✍ हमे समझ लेना चाहिए कि वास्तविकता में हमे किससे संबंध प्रगाढ़ रखने चाहिए ।

*आज दिनाँक 5 सितम्बर, 2024 गुरुवार की पावन मंगलबेला में, वास्तविकता को समझ, दीनबंधु बनने का संकल्प लेते हुए, नित्य की भाँति आपको मेरा "राम-राम" ।*
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🚩 *व्यस्त रहेंगे -तो मस्त रहेंगे* 🚩
🚩 *मस्त रहेंगे -तो स्वस्थ रहेंगे* 🚩
🚩*सनातन हिन्दू एकता* 🚩

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भगवतचर्चा...
सादर जय सियाराम सभी प्रभु प्रेमियों को..
सप्रेम हरिस्मरण. 🏵️🌼🏵️🌼🏵️🌼🏵️

यह छवि भगवान शिव के किस स्वरूप को परिभाषित करती है

कृपया प्रभु के के प्रेमीजन उत्तर देने का यथासंभव प्रयास करें और भगवत चर्चा से जुड़े रहे...

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