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आदमी चले जाते हैं और मकान रह जाते हैं...
है कुछ लोग जो कच्चे घर बनाकर, पककी खुशियां पा लेते हैं।
पुरानी कहावत है इंसान खाली हाथ ही आया है और खाली हाथ ही जाएगा...
कलयुग में इंसान इतना ज्यादा लालची हो गया है कि यह भूल गया है कि
आपके साथ आपके कर्म ही जाएंगे बाकी पैसा ,जमीन ,जायदाद सब यहीं की यहीं रह जाएगी जिसका एक उदाहरण आपके सामने है...
हिमाचल प्रदेश के बडट गर्ल काशवी ने ।। साल की उम्र में चहा कारनामा कर दिखाया है। काशवी ने सिर्फ ॥ वर्ष की आयु में दसवी कक्षा पास कर ली है। सीवीएसई चोर्ड के अंतर्गत इतनी कम उम्र में 10वीं कक्षा पास कहने वाली काक्षवी देश की पहली विद्यार्थी बन गई है।
सीबीएसई द्वारा घोषित 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में काल्वी नेता प्रतिक्षत अंक प्राप्त जिएस काशवी में इस्लि विषय में 8५. गणित में 23 हिंदी में 88. विजान में 92 तथा सोशल साइस में अफ अजित किए हैं।
बता दें कि काशवी का जन्म 12 मार्च, 2014 को हुआ था। काशवी असाधारण प्रतिभा की धनी रही है तथा उन्हें तीन वर्ष की आयु में ही भारत के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, भारत के पड़ोसी राज्य, सौरमंडल तथा अन्य महत्तपूर्ण विषयों की जानकारी थी। वर्तमान में काशवी नॉन मेडिकल के साथ जमा एक की कक्षा में अध्यनरत है।
बौद्धिक स्तर के पैमाने पर भी चमत्कारी पाई गई थी। वर्ष 2021 में बीकेटी यानि की विनट कागद टेस्ट में काळवी का आईक्यू स्कोर 13 वर्ष आयु का पाया गया था। यद्यपि काठती की आयु माउ 7 वर्ष थी।
काशवी के परिजनों के आग्रह पर किए गए बीकेटी में विशेषज्ञों की टीम में उस आईक्यू स्कोर 154 पाया है वर्ष की आयु के बच्चे के मानसिक स्तर का था।
बताया जाता है कि करोड़ों में एक का आईक्यू स्कोर 147 का स्तर पाया जाता है जबकि ती का आईला इससे भी अधिक है। क्षेत्रीय चिकित्सालय धर्मशाला में कवी के आईक्यू स्तर की जांच की नई थी, जिसमें उसे जीनियस वाइल्ड की श्रेणी में आईक्यू के आधार पट आएका गया था। लगबग उतना ही आईक्यूरेट प्रक्रवात वैज्ञानिक एल्वर्ट आइंस्टीन का पाया गया था।
अपनी अजूठी मेधा के चलते कालवी ने लॉकराउन के दौरान घर पर रहते हुए न केवल तीसरी कक्षा की पढ़ाई पूरी की बल्कि चौथी व कवीं कक्षा के पाठ्यक्रम की भी पूरा कर लिया। इसके पश्चात श्री कालवी ने अगली कक्षाओं की पढ़ाई नाटी रखी। 7 वर्ष की आयु में जब कालवी हवीं कक्षा की पट्टीक्षा देना चाहती थी पठतु लिया उसके आग
अपनी अनूठी मेधा के चलते काशवी ने लॉकडाउन के दौरान घर पर रहते हुए न केवल तीसरी कक्षा की पढ़ाई पूरी की बल्कि चौथी व 5 वीं कक्षा के पाठ्यक्रम की भी पूरा कर लिया। इसके पश्चात काशवी ने अगली कक्षाओं की पढ़ाई जारी रखी। 7 वर्ष की आयु में जब काशवी 8 वीं कक्षा की परीक्षा देना चाहती थी परन्तु नियम उसके आड़े आगये।
नियमानुसा र 12 वर्ष की आयु में ही 8 वीं की परीक्षा दी जा सकती है। न्यायालय से मिले आदेशों के पश्चात् टीम की देखरेख में काशवी का टेस्ट लिया गया तथा इसके पश्चात् उसे 8 वी की कक्षा में प्रवेश की अनुमति दी गयी थी ऐसे में काशवी ने इस चुनौती को भी दृढ़ता से पार पाया तथा 9 वर्ष की आयु में 91.6 प्रतिशत के साथ आठवीं की कक्षा उत्तीर्ण की थी